
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2,000 रुपए के नोट को चलन से हटाने की घोषणा को दो साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी बड़ी मात्रा में ये नोट सिस्टम में मौजूद हैं। आरबीआई के हालिया आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल, 2025 की स्थिति तक 6,266 करोड़ रुपए मूल्य के 2,000 रुपए के नोट अब भी चलन में हैं। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ये नोट अभी भी वैध मुद्रा बने हुए हैं, यानी इनका इस्तेमाल कानूनी तौर पर किया जा सकता है।
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दो साल बीतने के बाद भी 2,000 रुपए के नोटों का पूरी तरह से सिस्टम से बाहर न निकलना यह दर्शाता है कि नकदी के प्रबंधन को लेकर भारत में अब भी चुनौतियाँ हैं। हालांकि RBI की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि लोगों को अंतिम समय तक सुविधाएं मिलती रहें। जब तक ये नोट वैध मुद्रा बने हुए हैं, तब तक इनका उपयोग कानूनी रूप से किया जा सकता है, लेकिन बदलने या जमा करने के लिए केवल सीमित विकल्प ही शेष रह गए हैं।
आरबीआई की घोषणा और प्रक्रिया
RBI ने 19 मई, 2023 को 2,000 रुपए के नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी। यह फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया था, जिसका उद्देश्य प्रणाली में बेहतर गुणवत्ता के नोट बनाए रखना है। उस समय 2,000 रुपए के नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपए था।
इसके बाद रिजर्व बैंक ने लोगों को अपने नोटों को बैंकों में जमा करने या बदलने का विकल्प दिया। यह सुविधा 7 अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध कराई गई थी। इस अवधि के समाप्त होने के बाद यह विकल्प केवल RBI के 19 निर्गम कार्यालयों तक सीमित रह गया।
कितने नोट वापस लौटे?
RBI के अनुसार, 19 मई, 2023 से 30 अप्रैल, 2025 तक कुल 98.24% 2,000 रुपए के नोट वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि कुल 3.49 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट प्रणाली से बाहर हो चुके हैं। फिर भी करीब 6,266 करोड़ रुपए के नोट अभी तक चलन में हैं, जो या तो लोगों के पास जमा हैं या सिस्टम में अज्ञात रूप से रह गए हैं।
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अब क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
हालांकि यह नोट अब बैंकों में नहीं बदले जा सकते, फिर भी लोग निम्नलिखित विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं:
- RBI के 19 निर्गम कार्यालय इन नोटों को स्वीकार कर रहे हैं।
- व्यक्ति और संस्थाएं 2,000 रुपए के नोटों को अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं।
- देश के भीतर भारतीय डाक (India Post) के जरिए भी लोग 2,000 रुपए के नोट RBI के किसी भी निर्गम कार्यालय में भेज सकते हैं, जिससे यह राशि उनके खातों में जमा हो जाती है।
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक 2,000 रुपए के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे, उनका उपयोग कानूनी तौर पर किया जा सकता है। हालांकि, अधिकतर व्यापारी और संस्थाएं इन नोटों को स्वीकार करने में झिझक रही हैं, जिससे इनका प्रयोग सीमित हो गया है।
नोट वापसी के पीछे की रणनीति
RBI ने 2,000 रुपए के नोट को नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण (Demonetisation) के बाद तात्कालिक नकदी संकट को दूर करने के लिए जारी किया था। इसका उद्देश्य तत्काल बड़े मूल्य के नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करना था। लेकिन बाद में छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की पर्याप्त आपूर्ति हो जाने के कारण 2,000 रुपए के नोटों की छपाई वर्ष 2018-19 से बंद कर दी गई थी।
RBI की क्लीन नोट पॉलिसी के अंतर्गत ऐसे नोटों को चरणबद्ध तरीके से चलन से हटाया जा रहा है, जिससे नकदी प्रणाली अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बन सके।
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बाजार और ग्राहकों की प्रतिक्रिया
व्यापारियों और आम लोगों में इस कदम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। शुरुआत में नोट बदलवाने के लिए बैंकों में भीड़ देखी गई, लेकिन बाद में प्रक्रिया सुगम हो जाने के कारण ज्यादातर लोगों ने नोट वापस कर दिए। अब भी जिन लोगों के पास 2,000 रुपए के नोट बचे हैं, उन्हें जल्द से जल्द इन्हें RBI कार्यालय में जमा करवाने की सलाह दी जा रही है।