
अगर आप हर महीने एक स्थिर और गारंटीड इनकम की तलाश कर रहे हैं, तो डाकघर मासिक आय योजना (Post Office Monthly Income Scheme – POMIS) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो बाजार के उतार-चढ़ाव से दूर रहते हुए एक सुरक्षित निवेश से नियमित आय चाहते हैं। सरकार समर्थित यह स्कीम सीनियर सिटीजन से लेकर मिड-लेवल निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
यह भी देखें: Post Office Saving Plan: ₹10,000 जमा करें और बनाएं ₹3 लाख से ज्यादा! जानें यह जबरदस्त स्कीम
₹2 लाख निवेश पर कितनी होगी मासिक इनकम?
वर्तमान में POMIS पर 7.4% की वार्षिक ब्याज दर दी जा रही है। यदि कोई व्यक्ति ₹2 लाख इस स्कीम में निवेश करता है, तो उसे सालाना ₹14,800 का ब्याज मिलेगा। यह राशि मासिक आधार पर ₹1,233.33 बनती है, जो सीधे निवेशक के खाते में आती है। इस तरह की मासिक आय छोटे निवेशकों के लिए निश्चित और बिना किसी जोखिम के फायदेमंद साबित होती है।
निवेश की न्यूनतम और अधिकतम सीमा
POMIS में निवेश की न्यूनतम राशि ₹1,000 है, जबकि अधिकतम सीमा एकल खाते के लिए ₹9 लाख और संयुक्त खाते के लिए ₹15 लाख तय की गई है। यदि आप अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ संयुक्त खाता खोलते हैं, तो निवेश की सीमा और अधिक बढ़ाई जा सकती है जिससे मासिक आय भी बढ़ेगी।
यह भी देखें: पैसा डबल करने वाली यह स्कीम है धांसू, निवेश करने की नहीं कोई लिमिट, यहां समझें पूरा फंडा
परिपक्वता अवधि और ब्याज भुगतान का तरीका
यह योजना 5 वर्षों की लॉक-इन अवधि के साथ आती है, यानी निवेश के बाद राशि को 5 साल तक स्कीम में बनाए रखना होता है। परिपक्वता के बाद, निवेशक चाहें तो राशि निकाल सकते हैं या फिर उसे पुनः निवेश कर सकते हैं। ब्याज हर महीने एक निर्धारित तारीख पर सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिससे नियमित इनकम की सुविधा बनी रहती है।
समय से पहले निकासी की शर्तें
हालांकि यह योजना 5 वर्षों की है, लेकिन निवेशक चाहें तो समय से पहले निकासी कर सकते हैं। 1 साल के भीतर निकासी की अनुमति नहीं होती, लेकिन 1 से 3 साल के बीच निकासी पर 2% और 3 से 5 साल के बीच निकासी पर 1% जुर्माना देना होता है। यह जुर्माना कुल निवेश पर लागू होता है और निकासी के समय काट लिया जाता है।
कर नियम और सुरक्षा की गारंटी
POMIS में प्राप्त होने वाली मासिक ब्याज आय पर इनकम टैक्स लागू होता है, हालांकि इसमें TDS यानी Tax Deducted at Source की कोई व्यवस्था नहीं है। इसका मतलब है कि निवेशक को पूरी ब्याज राशि बैंक में प्राप्त होती है, लेकिन सालाना आय की गणना करते समय इसे अपनी आय में जोड़ना होता है। चूंकि यह योजना भारतीय डाक विभाग द्वारा संचालित होती है, इसलिए इसकी सुरक्षा पर पूर्ण विश्वास किया जा सकता है।
यह भी देखें: Post Office NSC Scheme: सरकार की इस स्कीम से बनाएं बड़ा फंड, सिर्फ 60 महीनों में पाएं ₹43 लाख! पूरी डिटेल यहां देखें