प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए मच रही होड़ – आखिर ऐसा क्या है यहां?

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय ने शिक्षा, तकनीक और सुंदरीकरण के दम पर ऐसा कमाल कर दिखाया कि अभिभावक निजी स्कूल छोड़कर बच्चों को यहां दाखिला दिला रहे हैं। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स और 95% उपस्थिति ने इसे राज्य का सबसे प्रेरणादायक स्कूल बना दिया है। जानिए इसकी पूरी कहानी

Published On:
प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए मच रही होड़ – आखिर ऐसा क्या है यहां?
प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए मच रही होड़ – आखिर ऐसा क्या है यहां?

बिजनौर। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा (Kasampur Veeru Khalsa Primary School) सरकारी स्कूलों की बदलती तस्वीर का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा है। शिक्षा की गुणवत्ता (Quality Education), आधुनिक सुविधाओं और स्कूल परिसर के सुंदरीकरण (Beautification) के जरिए यह विद्यालय न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि सोशल मीडिया (Social Media) पर भी एक बड़ी पहचान बना चुका है। प्रभारी प्रधानाध्यापक वैभव चौधरी की प्रेरणादायक पहल और नेतृत्व के चलते यह स्कूल कई निजी स्कूलों (Private Schools) को पीछे छोड़ चुका है।

यह भी देखें: Birth Certificate New Rules: माता-पिता ज़रूर जानें नया नियम, वरना फंस सकते हैं स्कूल एडमिशन से लेकर सरकारी कामों में

निजी स्कूलों से हटाकर यहां कराया गया 20 बच्चों का नामांकन

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक वैभव चौधरी के अनुसार, विद्यालय के सकारात्मक और प्रगतिशील माहौल को देखते हुए कई अभिभावकों (Parents) ने अपने बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों से हटाकर इस सरकारी विद्यालय में कराया है। हाल ही में 20 छात्र-छात्राओं का नामांकन इसी कारण से हुआ। यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो सरकारी शिक्षा प्रणाली पर लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

95 प्रतिशत उपस्थिति, अनुशासन और आकर्षक शिक्षण प्रणाली

विद्यालय में छात्रों की औसत उपस्थिति (Attendance) 95 प्रतिशत बनी रहती है, जो इसकी अनुशासित और आकर्षक शिक्षण प्रणाली को दर्शाती है। इस प्रकार की उपस्थिति दर आमतौर पर निजी विद्यालयों में ही देखी जाती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि छात्रों को स्कूल में सीखने और भाग लेने का उत्साह है।

यह भी देखें: HRA Tax Saving Trick: बिना किराया दिए भी मिलेगा टैक्स में फायदा! Income Tax वाले भी नहीं रोक पाएंगे ये लीगल तरीका

स्मार्ट क्लास से लेकर प्रोजेक्टर तक, आधुनिक सुविधाओं से लैस है स्कूल

शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विद्यालय में कई आधुनिक शैक्षिक उपकरण (Smart Class, Projector, Computer Set, Printer) उपलब्ध कराए गए हैं। स्मार्ट क्लास के जरिए छात्रों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। कंप्यूटर और प्रिंटर की सुविधाएं शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं।

सुंदरीकरण में मिसाल बना स्कूल परिसर

विद्यालय परिसर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। यहां शानदार गार्डन (Garden), फूलों की क्यारियां, रंग-बिरंगे टाइल्स और साफ-सुथरा वातावरण बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में सहायक हो रहा है। परिसर का सौंदर्य न सिर्फ बच्चों को आकर्षित करता है, बल्कि अभिभावकों में भी सकारात्मक संदेश देता है।

यह भी देखें: IRCTC Ticket Rules: रेलवे ने बदले टिकट नियम! अब वेटिंग वालों को नहीं मिलेगी सीट, जानें क्या है नया सिस्टम

छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां

विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास (Holistic Development) को ध्यान में रखते हुए खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है। स्कूल प्रांगण में बच्चों के लिए झूले, संगीत कक्ष, वाचनालय और लेखन अभ्यास की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह सभी गतिविधियां बच्चों के रचनात्मक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देती हैं।

सोशल मीडिया पर भी बना बड़ा प्रभाव, लाखों फॉलोअर्स

इस स्कूल की लोकप्रियता अब सिर्फ गांव या जिला स्तर पर सीमित नहीं रही। फेसबुक (Facebook) पर लगभग 80,000, यूट्यूब (YouTube) पर करीब 2 लाख और एक्स (X) यानी पूर्व में ट्विटर पर लगभग 10,000 फॉलोअर्स हैं। यह किसी भी सरकारी विद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है और यह दिखाता है कि स्कूल का कार्य देशभर में लोगों को प्रेरित कर रहा है।

यह भी देखें: किराये से करनी है कमाई तो आज ही करें ये 5 बदलाव किरायेदार खींचते चले आएंगे

शिक्षा विभाग भी कर रहा सराहना, दूसरे स्कूलों को प्रेरणा लेने की सलाह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने विद्यालय का निरीक्षण करने के बाद इसकी खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय अपने शैक्षिक गुणवत्ता (Educational Quality), सुंदरीकरण (Beautification) और अन्य सहगामी गतिविधियों (Co-Curricular Activities) के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने जिले के अन्य विद्यालयों से अपील की कि वे इस स्कूल से प्रेरणा लें और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में कार्य करें।

Follow Us On

Leave a Comment