EPS 95 Pension Hike: क्या वाकई बढ़ने वाली है EPS पेंशन? जानिए सरकार के नए प्लान से किसे कितना फायदा मिलेगा

केंद्र सरकार EPS योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 3000 रुपये करने की तैयारी में है, जिससे 36.6 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह प्रस्ताव श्रम मंत्रालय को सौंपी गई सिफारिशों पर आधारित है और कुछ महीनों में लागू किया जा सकता है। यह कदम सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने और रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।

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EPS 95 Pension Hike: क्या वाकई बढ़ने वाली है EPS पेंशन? जानिए सरकार के नए प्लान से किसे कितना फायदा मिलेगा
EPS 95 Pension Hike

प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत लाखों कर्मचारियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme – EPS) के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने की तैयारी में है। यह बढ़ोतरी अगले कुछ महीनों में लागू की जा सकती है, जिससे लगभग 36.6 लाख लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह कदम न केवल रिटायर्ड कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि वर्तमान कर्मचारियों में भी भविष्य को लेकर भरोसा जगाएगा।

पुरानी सिफारिशों पर फिर से गौर

वर्ष 2020 की शुरुआत में श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के समक्ष न्यूनतम पेंशन को 2000 रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उस समय यह मंजूरी नहीं पा सका। अब भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने श्रम मंत्रालय को सुझाव दिया है कि EPS पेंशन में तुरंत बढ़ोतरी की जाए। इस सिफारिश के बाद इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

क्या है कर्मचारी पेंशन योजना-EPS?

EPS एक सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत संचालित होती है। इसका लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं जिनका वेतन 15,000 रुपये प्रतिमाह तक है। EPS के तहत केवल नियोक्ता (Employer) योगदान करता है — यह योगदान कर्मचारी के मूल वेतन का 8.67% होता है, जिसकी अधिकतम सीमा 1250 रुपये है।

पेंशन पाने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करे और 58 साल की उम्र के बाद उसे जीवन भर मासिक पेंशन मिलती रहती है। मृत्यु के बाद यह पेंशन नॉमिनी या आश्रितों को मिलती है।

EPS के प्रमुख लाभ

रिटायरमेंट के बाद आजीवन पेंशन

58 साल की उम्र पूरी करने वाले कर्मचारी जिन्होंने कम से कम 10 साल तक EPS योजना के तहत योगदान किया है, वे मासिक पेंशन के हकदार होते हैं। यह पेंशन जीवन भर मिलती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक चिंताएं काफी हद तक कम होती हैं।

समय से पहले रिटायरमेंट का विकल्प:

अगर कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी नहीं कर पाता है, तो वह 58 वर्ष की आयु पर फॉर्म 10C भरकर संचित राशि निकाल सकता है। हालांकि, ऐसे मामलों में उसे मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलता।

विकलांगता के मामले में सुरक्षा:

यदि नौकरी के दौरान किसी कर्मचारी को स्थायी विकलांगता हो जाती है, तो वह EPS योजना के अंतर्गत मासिक पेंशन पाने का हकदार होता है — चाहे उसने न्यूनतम सेवा अवधि पूरी की हो या नहीं।

मृत्यु के बाद भी पेंशन सुरक्षा:

यदि सदस्य की मृत्यु नौकरी के दौरान होती है, और EPS में कम से कम एक महीने का योगदान हुआ हो, तो परिवार को पेंशन मिलती है। वहीं, यदि सदस्य ने 10 साल की सेवा पूरी कर ली हो और उसकी मृत्यु 58 साल की उम्र से पहले हो जाए, तब भी उसके परिवार को पेंशन मिलती रहती है। रिटायरमेंट के बाद मृत्यु की स्थिति में भी आश्रितों को यह लाभ जारी रहता है।

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