
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तनाव और बढ़ोतरी के बीच युद्ध की संभावना एक गंभीर विषय बन चुकी है। भारत में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद, विशेष रूप से पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत की प्रतिक्रियाएं बेहद कठोर रही हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर तीखी आलोचना की और साथ ही कई कड़े फैसले भी लिए, जिनसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में और अधिक तल्खी आई है। पाकिस्तान की ओर से भी आक्रामक बयान सामने आ रहे हैं, जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दी है। यह बयान इस बात का संकेत देता है कि पाकिस्तान युद्ध की स्थिति को लेकर गंभीर है और वह अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी भी कदम को उठाने से पीछे नहीं हटेगा। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है, तो क्या स्थिति होगी और यूनाइटेड नेशन कब तक हस्तक्षेप करेगा।
भारत-पाकिस्तान के तेवर तल्ख
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल अब युद्ध की स्थिति में बदलने की आशंका पैदा कर रहा है। यह चिंता इस बात से और भी गहरी हो जाती है कि पाकिस्तान लगातार परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है। पाकिस्तानी नेताओं के तीखे बयानों और भारत के विरोधी कदमों ने दोनों देशों के रिश्तों में दरार और गहरी कर दी है। इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप, भारत ने पाकिस्तान के आधिकारिक एक्स अकाउंट को भी बैन कर दिया, जो यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच शब्दों से लेकर कार्यवाही तक सब कुछ तेज और असमंजसपूर्ण हो चुका है। इस तनावपूर्ण स्थिति में यह समझना जरूरी है कि यदि युद्ध होता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर यूनाइटेड नेशन, कितनी जल्दी हस्तक्षेप करेगा।
कब दखल देता है यूएन
संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है, और इसका गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस उद्देश्य के लिए किया गया था। यूएन शांति के पक्ष में काम करने के लिए विवादों के मध्यस्थता और संवाद की प्रक्रिया अपनाता है। हालांकि, युद्ध की स्थिति में यूएन का हस्तक्षेप तुरंत नहीं होता। यूएन की सुरक्षा परिषद और महासभा यह तय करते हैं कि कब दखल देना उपयुक्त होगा। यूएन के चार्टर के अनुसार, युद्ध की गंभीरता, सदस्य देशों की सहमति, और शांति स्थापित करने के प्रयासों के आधार पर उसका हस्तक्षेप किया जाता है।
युद्ध के दौरान क्या कदम उठाता है यूएन
जब युद्ध की स्थिति बनती है, तो यूएन विभिन्न कदम उठाने की कोशिश करता है। सबसे पहले, वह युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता भेजने के लिए तत्पर होता है, जैसे कि भोजन, चिकित्सा सहायता, शरणार्थियों की मदद और बुनियादी सेवाओं का पुनर्निर्माण। इसके अलावा, शांति स्थापित करने के लिए यूएन शांति मिशन की स्थापना भी करता है, जो संघर्ष को रोकने के लिए मध्यस्थता का काम करता है। यूएन युद्ध की गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर अपनी भूमिका निभाता है, लेकिन ध्यान रखना यह भी जरूरी है कि उसकी गतिविधियां पूरी तरह से सदस्य देशों की सहमति पर निर्भर करती हैं।