Savings Account के ये 10 फायदे, सिर्फ पैसे रखने के काम नहीं आता! जानकर चौंक जाएंगे आप

सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) सिर्फ पैसे रखने के लिए नहीं है, बल्कि सुरक्षित लेन-देन, खर्च प्रबंधन और आय अर्जन का भी एक अहम जरिया है। सही जानकारी और समझदारी से इसका उपयोग करके आप अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित कर सकते हैं। जानिए इस लेख में सेविंग्स अकाउंट से जुड़ी जरूरी बातें विस्तार से।

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Savings Account के ये 10 फायदे, सिर्फ पैसे रखने के काम नहीं आता! जानकर चौंक जाएंगे आप
Savings Account

आज के समय में लगभग हर व्यक्ति के पास एक ना एक सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) जरूर होता है। अक्सर लोग इसे सिर्फ पैसे जमा करने और सुरक्षित रखने का माध्यम मानते हैं, लेकिन हकीकत में यह खाता इससे कहीं अधिक काम का होता है। कई ऐसी बातें हैं जो आमतौर पर लोगों को नहीं पता होतीं, जबकि ये जानकारियाँ आपके फाइनेंशियल मैनेजमेंट को काफी बेहतर बना सकती हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि सेविंग्स अकाउंट से जुड़ी कौन-कौन सी महत्वपूर्ण बातें आपको जरूर जाननी चाहिए।

पैसे सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर जरिया

सेविंग्स अकाउंट आपके पैसों को सुरक्षित रखने का सबसे भरोसेमंद साधन है। घर में पैसे रखने पर हमेशा चोरी या गुम हो जाने का डर बना रहता है, जबकि बैंक में पैसा रखने से यह चिंता खत्म हो जाती है। बैंकिंग सिस्टम आपकी राशि को सुरक्षा के साथ सुरक्षित रखता है, जिससे आप निश्चिंत होकर अपनी अन्य जरूरी बातों पर ध्यान दे सकते हैं।

लेन-देन को बनाता है बेहद आसान

सेविंग्स अकाउंट के जरिए आप पैसे भेजने और मंगाने दोनों की सुविधा पा सकते हैं। अब आपको किसी को पैसे देने के लिए नकद राशि निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। आप सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं। चाहे NEFT, IMPS, RTGS या UPI का इस्तेमाल करना हो, हर विकल्प आपके लिए आसानी से उपलब्ध है। इसी तरह आप कहीं से भी अपने खाते में पैसे मंगा सकते हैं।

बिल भुगतान और शॉपिंग को करता है सहज

आज के डिजिटल युग में सेविंग्स अकाउंट से सीधे नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या यूपीआई के जरिए बिजली, पानी, इंटरनेट, मोबाइल, और किराए जैसे बिलों का भुगतान करना बेहद सरल हो गया है। आप मॉल, ऑनलाइन स्टोर या लोकल दुकानों पर भी सीधे सेविंग्स अकाउंट के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं, जिससे लेन-देन का काम सुविधाजनक और तेज बनता है।

खर्चों पर रहती है बेहतर नजर

सेविंग्स अकाउंट का एक और बड़ा फायदा है खर्चों की निगरानी करना। खाते के स्टेटमेंट से आपको यह जानकारी मिलती रहती है कि कब कितना पैसा जमा हुआ और कब खर्च हुआ। इससे आप अपने मासिक बजट और फाइनेंशियल प्लानिंग को बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं।

न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता को समझना जरूरी

अधिकतर बैंकों में आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होता है। यदि आप न्यूनतम बैलेंस से नीचे जाते हैं तो बैंक आपसे चार्ज वसूल सकता है। यह न्यूनतम बैलेंस हर बैंक के लिए अलग हो सकता है और इसकी गणना आमतौर पर महीने के औसत के आधार पर होती है।

मंथली एवरेज बैलेंस का सही कैलकुलेशन

न्यूनतम बैलेंस के लिए मंथली एवरेज की गणना एक अहम पहलू है। यदि बैंक कहता है कि आपके खाते में औसतन 10,000 रुपये का बैलेंस होना चाहिए, तो आप पूरे महीने के लेन-देन के औसत के आधार पर इस सीमा को पूरा कर सकते हैं। एक दिन अधिक राशि जमा कर भी महीने का औसत संतुलित किया जा सकता है।

पैसों पर ब्याज की भी सुविधा

सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर आपको ब्याज भी मिलता है, हालांकि इसकी दर अपेक्षाकृत कम (3-4%) होती है। घर में रखे पैसे जहां निष्क्रिय रहते हैं, वहीं बैंक में जमा करने से वे कुछ न कुछ आय अर्जित करते रहते हैं, जो आपके धन को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाने में मददगार है।

लंबी अवधि के लिए एफडी (FD) एक अच्छा विकल्प

अगर आप जानते हैं कि आपको सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे की तत्काल जरूरत नहीं है, तो आप उन पैसों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में बदलकर बेहतर ब्याज दरें प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, जरूरत से पहले एफडी तोड़ने पर आपको पेनल्टी चार्ज देना पड़ सकता है, इसलिए सावधानीपूर्वक निर्णय लेना जरूरी है।

सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देय

सेविंग्स अकाउंट पर जो ब्याज आपको प्राप्त होता है, वह पूरी तरह टैक्स फ्री नहीं होता। यह ब्याज आपकी कुल आय में जुड़कर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल हो जाता है। इसलिए बैंक से मिले ब्याज को आयकर रिटर्न में सही तरीके से शामिल करना बेहद जरूरी है।

10 हजार रुपये तक ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ

धारा 80TTA के तहत, सेविंग्स अकाउंट पर सालाना 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आप टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यानी यदि आपके खाते पर मिले ब्याज की राशि 10 हजार रुपये तक सीमित है, तो आपको उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे अधिक ब्याज मिलने पर अतिरिक्त राशि आपके टैक्सेबल इनकम में जुड़ जाएगी।

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