Land Records India: अब जमीन के कागजों में दर्ज होंगे नाम, पता, आधार और मोबाइल नंबर – जानें नया नियम

क्या आपने कभी सोचा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी हाईटेक तकनीक अब किसानों और गांवों की तस्वीर बदल सकती है? शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में सरकार ने एक ऐसा मास्टरप्लान तैयार किया है, जो खेती से लेकर पानी तक हर समस्या का स्मार्ट हल देगा। जानिए पूरा प्लान

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Land Records India: अब जमीन के कागजों में दर्ज होंगे नाम, पता, आधार और मोबाइल नंबर – जानें नया नियम
Land Records India: अब जमीन के कागजों में दर्ज होंगे नाम, पता, आधार और मोबाइल नंबर – जानें नया नियम

Rural Development के क्षेत्र में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी आधुनिक तकनीकों के समावेश की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कृषि भवन में शुक्रवार को एक मैराथन बैठक आयोजित की गई, जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विभिन्न अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बैठक में समग्र कृषि एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को तेजी से लागू करने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

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Rural Development के क्षेत्र में तकनीक और पारंपरिक कार्यक्रमों के संयोजन से एक समग्र और दीर्घकालीन विकास मॉडल की परिकल्पना की जा रही है। इसमें Artificial Intelligence, IoT, GIS Mapping, और DSS जैसी तकनीकें कृषि से लेकर जल संरक्षण तक हर क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। सरकार की यह पहल ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जलग्रहण विकास और निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) पर विशेष जोर

बैठक में विशेष रूप से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत Watershed Development Component (WDC-PMKSY) के अंतर्गत जलग्रहण विकास परियोजनाओं को जनांदोलन की तरह लागू करने पर बल दिया गया। इसके लिए आम जनता, जनप्रतिनिधियों, NGO, कॉरपोरेट्स और अन्य हितधारकों की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही गई।

इसके साथ ही मृदा और नमी संरक्षण डेटा के आधार पर एक Decision Support System (DSS) विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिससे ग्राम समुदायों और व्यक्तिगत किसानों को मौसम, मिट्टी की स्थिति और जल उपयोग की दृष्टि से सटीक सलाह मिल सके।

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स्प्रिंगशेड कार्यक्रम से पहाड़ी क्षेत्रों में जल संकट पर लगेगी रोक

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पहाड़ी क्षेत्रों में Spring Shed Development Program को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि कम जल उपलब्धता वाले महीनों में पेयजल सुनिश्चित किया जा सके। इससे न केवल स्थानीय आबादी को राहत मिलेगी बल्कि प्रमुख नदियों की प्रवाह दर बढ़ेगी, जिससे मैदानी क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी आबादी को भी लाभ होगा।

डिजिटल भूमि अभिलेख कार्यक्रम में तेजी

कृषि मंत्री ने Digital India Land Records Modernization Programme (DILRMP) की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जून 2025 तक सभी भूमि अभिलेखों को पूरी तरह डिजिटल किया जाए। अभी तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत 99% अधिकार अभिलेख कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं जबकि 97% भूकर मानचित्र डिजिटाइज किए जा चुके हैं। उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का 95% तक कंप्यूटरीकरण हो चुका है।

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शहरी क्षेत्रों में नक्शा कार्यक्रम की स्थिति

नक्शा कार्यक्रम को देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में चलाया जा रहा है, जिनमें से 61 में Aerial Flying का कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष निकायों में यह कार्य जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भूमि अभिलेखों में आधार और मोबाइल नंबर जोड़ने की प्रक्रिया तेज़

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भूमि अभिलेखों को अधिक पारदर्शी और उपयोगी बनाने के लिए उनमें भूस्वामी का Aadhaar Number, मोबाइल नंबर और पता अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। इसके लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए ताकि राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया सरल हो सके और नागरिकों को अधिक सुविधा मिले।

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मिशन अमृत सरोवर के तहत 68 हजार से अधिक जलाशयों का निर्माण

बैठक में Mission Amrit Sarovar की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत देशभर में 50,000 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह लक्ष्य पार करते हुए 68,000 से अधिक सरोवरों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। यह केवल जल संरक्षण की दिशा में नहीं बल्कि आजीविका संवर्धन, पर्यटन और सतत विकास के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

अभियान के अंतर्गत 80,000 पंचायत प्रतिनिधि और 65,000 से अधिक उपयोगकर्ता समूह सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं, जो इन जलाशयों के माध्यम से मत्स्य पालन, कृषि, पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।

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