RBI FD Rules: FD कराने वालों के लिए बड़ा अलर्ट! RBI ने बदले नियम, जानिए नई गाइडलाइंस वरना होगा नुकसान

देश में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। हाल ही में RBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़ी नीतियों में संशोधन किया है, जिससे निवेशकों को अधिक लचीलापन और सुविधा मिलेगी। ये बदलाव खासतौर पर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं, जिन्हें आपात स्थिति में समय से पहले पैसा निकालने की आवश्यकता पड़ सकती है।

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समय से पहले निकासी के नियमों में बदलाव

पहले बैंकों के द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट से समय से पहले निकासी की सुविधा केवल 15 लाख रुपये तक की राशि के लिए ही उपलब्ध थी। हालांकि, अब RBI ने इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया है। इस संशोधन के बाद निवेशक अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को बिना किसी बड़ी समस्या के समय से पहले भुना सकते हैं।

बैंक ऑफर करते हैं दो प्रकार की FD योजनाएँ

बैंक निवेशकों को मुख्य रूप से दो प्रकार की FD योजनाएँ प्रदान करते हैं:

  1. कॉलएबल FD (Callable FD) – इस योजना में निवेशक को मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की सुविधा मिलती है। हालांकि, इसके लिए कुछ जुर्माना या पेनल्टी का भुगतान करना पड़ सकता है।
  2. नॉन-कॉलएबल FD (Non-Callable FD) – इसमें मैच्योरिटी से पहले निकासी की अनुमति नहीं होती है, लेकिन इसके बदले में बैंक निवेशकों को उच्च ब्याज दर प्रदान करते हैं।

नए नियमों के तहत, नॉन-कॉलएबल FD में समय से पहले निकासी की न्यूनतम राशि को 15 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे छोटे और मध्यम निवेशकों को अधिक लचीलापन मिलेगा और वे जरूरत पड़ने पर अपनी पूंजी को आंशिक रूप से भुना सकते हैं।

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किन बैंकों और डिपॉजिट योजनाओं पर लागू होंगे नए नियम?

RBI का यह नया सर्कुलर सभी कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks) और कोऑपरेटिव बैंकों (Cooperative Banks) पर लागू होगा। साथ ही, यह नियम NRE (Non-Resident External) और NRO (Non-Resident Ordinary) फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी लागू होंगे। इसका अर्थ यह है कि प्रवासी भारतीय (NRI) भी इन नए नियमों का लाभ उठा सकेंगे।

सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को प्री-मैच्योरिटी निकासी के बिना NRE/NRO फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करने की छूट होगी। हालांकि, 1 करोड़ रुपये या उससे कम राशि के लिए बैंक को समय से पहले निकासी की सुविधा अनिवार्य रूप से देनी होगी

ब्याज दरों में हो सकता है और सुधार

मई 2022 के बाद से RBI ने लगातार रेपो रेट में बदलाव किए हैं, जिसके चलते बैंकों ने भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिक आकर्षक ब्याज दरें ऑफर करनी शुरू कर दी हैं। नए नियमों के तहत, बैंकों को अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए FD पर और अधिक आकर्षक ब्याज दरें प्रदान करनी पड़ सकती हैं

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