
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बड़ा कदम उठाते हुए नियमों के उल्लंघन के चलते दो प्रमुख सरकारी बैंकों पर भारी जुर्माना लगाया है, वहीं एक सहकारी बैंक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है। इस फैसले की जानकारी RBI ने एक आधिकारिक बयान जारी कर दी है, जिसमें उल्लंघन की वजहों को भी स्पष्ट किया गया है।
इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक पर लगा जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना और लोन से जुड़े दिशानिर्देशों के पालन में कमी के चलते इंडियन बैंक (Indian Bank) पर 1.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) पर 63.60 लाख रुपये का जुर्माना लोन नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है। इन दोनों बैंकों ने कुछ फ्लोटिंग रेट खुदरा ऋणों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को दिए गए लोन में बाहरी बेंचमार्क दर (External Benchmark Rate) का पालन करने में विफलता दिखाई थी। साथ ही, कुछ मामलों में 1.60 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्ड लोन और 10 लाख रुपये तक के MSME लोन के लिए पर्याप्त कोलेटरल सिक्योरिटी भी नहीं दी गई थी।
इंडियन बैंक के खिलाफ एक और गंभीर आरोप यह है कि उसने समय सीमा के भीतर पात्र राशियों को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (Depositor Education and Awareness Fund) में ट्रांसफर नहीं किया। इस तरह की लापरवाही बैंकिंग नियमों के प्रति अनदेखी को दर्शाती है, जिसे लेकर आरबीआई ने सख्त कदम उठाया है।
इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द
इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर का लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक ने रद्द कर दिया है। 25 अप्रैल से बैंक को न तो नए डिपॉजिट स्वीकार करने की और न ही मौजूदा डिपॉजिट का पुनर्भुगतान करने की अनुमति है। आरबीआई के मुताबिक, बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही कोई कमाई की संभावना, जो जमाकर्ताओं के हितों के लिए जोखिम भरा है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यदि इस बैंक को कामकाज जारी रखने दिया जाता, तो यह ग्राहकों की जमा राशि के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। अच्छी खबर यह है कि बैंक के 97.79 प्रतिशत जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि का दावा कर सकते हैं।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि इंडियन बैंक और IOB पर लगाए गए जुर्माने का सीधा असर उनके ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। यह कदम सिर्फ नियामकीय अनुपालन में हुई खामियों को दुरुस्त करने के लिए उठाया गया है। बैंकिंग सेवाएं पूर्ववत जारी रहेंगी और ग्राहकों की जमा पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है।