
राजस्थान में स्कूल शिक्षा सत्र (School Education Session) को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। भजनलाल शर्मा सरकार ने घोषणा की है कि अब नया शिक्षा सत्र 1 जुलाई से प्रारंभ होगा। इस फैसले से प्रदेश के लाखों शिक्षकों और विद्यार्थियों को राहत मिलने वाली है। गौरतलब है कि पिछले 10 वर्षों से स्कूलों का नया सत्र मई माह में ही शुरू किया जाता रहा था। अब एक दशक बाद फिर से पुराने ढर्रे पर लौटते हुए शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश (Summer Vacation) के बाद जुलाई से सत्र प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
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शिक्षा सत्र में 10 साल बाद वापसी पुराने पैटर्न पर
प्रदेश में शिक्षा सत्र की शुरुआत पहले जुलाई माह से होती थी, लेकिन वर्ष 2015-16 में वसुंधरा राजे सरकार ने इसे अप्रैल-मई में शिफ्ट कर दिया था। इसका मुख्य कारण निजी स्कूलों (Private Schools) के शैक्षणिक सत्र के साथ तालमेल बैठाना था। अब भजनलाल सरकार ने 2025-26 सत्र से इसे पुनः 1 जुलाई से प्रारंभ करने का फैसला लिया है। यह बदलाव न केवल समय के लिहाज से उचित माना जा रहा है बल्कि मौसम के अनुसार भी छात्रों और शिक्षकों के हित में बताया जा रहा है।
शिविरा पंचांग में हुआ शिक्षा सत्र के बदलाव का उल्लेख
हालांकि इस फैसले की कोई अलग से आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति नहीं जारी की गई है, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा जारी शिविरा पंचांग (Shivira Panchang) में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। पंचांग के अनुसार, 17 मई से लेकर 30 जून 2025 तक पूरे प्रदेश में ग्रीष्मावकाश रहेगा। इस दौरान कोई भी शैक्षणिक गतिविधि संचालित नहीं होगी। 16 मई तक सभी कक्षाओं के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे और प्रगति पत्र (Progress Report) वितरित किए जाएंगे।
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शिक्षकों के लिए गर्मियों में बड़ी राहत
इस बदलाव से राजस्थान के 4 लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों (Government Teachers) को बड़ी राहत मिली है। अब तक शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जून के मध्य में स्कूल में रिपोर्ट करना पड़ता था, लेकिन अब 30 जून तक अवकाश रहेगा। शिक्षकों ने इस फैसले का सोशल मीडिया पर भी जोरदार स्वागत किया है। कुछ शिक्षकों ने ‘धन्यवाद भजनलाल’ (#धन्यवादभजनलाल) हैशटैग चलाकर अपनी खुशी जाहिर की है।
मौसम और समय के लिहाज से उचित फैसला
शिक्षा विशेषज्ञों (Education Experts) का मानना है कि मई-जून की भीषण गर्मी में बच्चों और शिक्षकों को स्कूल भेजना न केवल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक था बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी असर डालता था। अब जुलाई में सत्र शुरू होने से तापमान में भी कुछ गिरावट आएगी और बच्चे नई ऊर्जा के साथ पढ़ाई शुरू कर सकेंगे।
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नया सत्र, नया सिस्टम, लेकिन पुरानी यादें
राजस्थान में एक दशक बाद सरकारी स्कूलों (Government Schools) के सत्र की व्यवस्था फिर से पुराने फॉर्मेट में आ गई है। पहले मई-जून में कक्षाएं चलती थीं और बीच में परीक्षा आदि करानी पड़ती थी, लेकिन अब मई-जून पूरा ग्रीष्मावकाश रहेगा। इस बदलाव से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों लंबी यात्राओं या अपने गांवों में छुट्टियां मनाने के लिए आसानी से जा सकेंगे।
भाजपा सरकार में बदलाव और फिर वापसी
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे सरकार (Vasundhara Raje Government) के दौरान वर्ष 2015-16 से शिक्षा सत्र को अप्रैल माह में शिफ्ट कर दिया गया था ताकि सरकारी स्कूलों का सत्र निजी स्कूलों के साथ मेल खा सके। अब भजनलाल सरकार ने उसी भाजपा सरकार के कार्यकाल के फैसले को पलटते हुए पुराने ढर्रे पर वापसी कर ली है। इससे साबित होता है कि मौसम और परिस्थिति के अनुसार नीति में बदलाव करना आवश्यक होता है।
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मई-जून में अब नहीं होगा कोई शैक्षणिक दबाव
अब मई-जून में किसी प्रकार की पढ़ाई या परीक्षा (Exams) नहीं कराई जाएगी। बच्चों को इस समय में पूर्ण रूप से अवकाश मिलेगा। शिक्षक भी इन महीनों में अपनी व्यक्तिगत योजनाओं को आराम से पूरा कर सकेंगे। इससे स्कूल स्टाफ और छात्रों दोनों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।