
राजस्थान Mausam इन दिनों एक अनोखा रूप ले रहा है, जहां एक तरफ गर्मी अपनी चरम सीमा पर है तो दूसरी तरफ आंधी और बारिश से लोगों को थोड़ी राहत मिलने के आसार बन रहे हैं। थार के रेगिस्तान में जहां लू के थपेड़े आमजन का जीवन कठिन बना रहे हैं, वहीं प्रदेश के कई जिलों में धूलभरी आंधी और हल्की बारिश की संभावना से मौसम में अस्थायी ठंडक आने की उम्मीद है। बाड़मेर में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार करने के करीब है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है।
तेज हवाओं से बदलता नजर आएगा मौसम का रुख
मौसम विभाग ने राजस्थान के 15 जिलों में आज शाम तक तेज हवाओं के साथ आंधी और हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है। जयपुर, अजमेर, कोटा, भीलवाड़ा, टोंक, बूंदी, झुंझुनूं, सीकर, चूरू, भरतपुर, अलवर, दौसा, नागौर, पाली और सिरोही जैसे जिलों में मौसम का रंग बदल सकता है। राजधानी जयपुर में सुबह से ही बादल मंडरा रहे हैं और हवा में नमी बढ़ने से तपिश में थोड़ी राहत महसूस की जा रही है। दोपहर बाद कई इलाकों में तेज धूलभरी आंधी और छिटपुट बारिश की संभावना भी बनी हुई है।
पश्चिमी राजस्थान में सूरज का विकराल रूप
पश्चिमी राजस्थान में स्थितियां कहीं अधिक विकट हैं। बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी और जोधपुर जैसे इलाकों में गर्म हवाओं ने लोगों का घर से निकलना दूभर कर दिया है। बाड़मेर में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने का अनुमान है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि दिन के समय घर से निकलने से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
किसानों और विद्यार्थियों के लिए मौसम का प्रभाव
तेज हवा और संभावित बारिश का असर किसानों पर भी पड़ सकता है। जिन किसानों ने अपनी फसलें काट ली हैं, उन्हें इससे राहत मिल सकती है, लेकिन जिन खेतों में फसलें अभी खड़ी हैं, वहां नुकसान की आशंका बनी हुई है। विद्यार्थियों के लिए भी मौसम का यह बदलाव दुविधाजनक हो सकता है। एक ओर उमस भरी ठंडक ध्यान केंद्रित करने में बाधा बन सकती है, वहीं दूसरी ओर लू से राहत मिलने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।
गर्मी की वापसी के संकेत
हालांकि यह ठंडक बहुत स्थायी नहीं रहने वाली। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 27 अप्रैल से तापमान में दोबारा बढ़ोतरी होगी और मई के शुरू होते ही राजस्थान Mausam में भीषण गर्मी की वापसी हो सकती है। इस लिहाज से आम लोगों को सतर्क रहने, हाइड्रेटेड रहने और मौसम के ताजा अपडेट्स पर ध्यान बनाए रखने की सलाह दी गई है। सच ही कहा गया है – “राजस्थान का मौसम और ऊँट की चाल, कब क्या हो जाए – कहना मुश्किल है!”