PPF Account and Death Claim: अगर PPF होल्डर की मौत हो जाए और नॉमिनी न हो तो क्या होगा? जानिए पैसे पाने का चौंकाने वाला तरीका!

अगर PPF अकाउंट होल्डर ने नॉमिनी नहीं बनाया और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो भी परिजन या कानूनी वारिस उचित प्रक्रिया का पालन कर फंड का क्लेम कर सकते हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र, Form G और जरुरी दस्तावेजों के साथ बैंक या पोस्ट ऑफिस में आवेदन करना होता है। 1 लाख से ज्यादा राशि पर Succession Certificate अनिवार्य है। समय रहते नॉमिनी जोड़ना सर्वोत्तम विकल्प है।

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PPF Account and Death Claim: अगर PPF होल्डर की मौत हो जाए और नॉमिनी न हो तो क्या होगा? जानिए पैसे पाने का चौंकाने वाला तरीका!
PPF Account and Death Claim

Public Provident Fund (PPF) भारत सरकार की सबसे भरोसेमंद और पॉपुलर सेविंग्स स्कीम्स में से एक है, जो लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ बेहतर ब्याज दर भी प्रदान करती है। अक्सर लोग इसे अपने फ्यूचर सिक्योरिटी और रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए चुनते हैं। लेकिन एक अहम सवाल जो कई बार सामने आता है वह यह है कि अगर PPF अकाउंट होल्डर ने नॉमिनी नहीं बनाया और उसकी असमय मृत्यु हो जाती है, तो फिर उस अकाउंट में जमा पैसे का क्या होता है? इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि PPF अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद नॉमिनी के बिना किस तरह से फंड का क्लेम किया जा सकता है।

PPF अकाउंट और नॉमिनेशन की अहमियत

जब कोई व्यक्ति PPF अकाउंट खोलता है, तो उसे यह सुविधा मिलती है कि वह एक या एक से अधिक नॉमिनी जोड़ सकता है। नॉमिनी जोड़ने का उद्देश्य यही होता है कि अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में अकाउंट की राशि आसानी से सही हाथों में पहुंच सके। यदि नॉमिनी नामित नहीं किया गया हो, तो फिर उस राशि पर दावेदारी कानूनी उत्तराधिकारियों के जरिए तय होती है। यह प्रक्रिया थोड़ा जटिल हो सकती है, लेकिन सही दस्तावेज और जानकारी के साथ इसे पूरा किया जा सकता है।

बिना नॉमिनी वाले PPF अकाउंट से पैसे का क्लेम करने की प्रक्रिया

अगर PPF अकाउंट होल्डर ने नॉमिनी नहीं जोड़ा है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार या कानूनी वारिसों को डेथ क्लेम प्रोसेस का पालन करना होता है। सबसे पहले उन्हें यह जानना होगा कि PPF अकाउंट में कितनी राशि जमा है। यदि यह राशि 1 लाख रुपये से कम है, तो क्लेम प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है। लेकिन यदि राशि 1 लाख रुपये से अधिक है, तो कई अतिरिक्त कानूनी दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है।

PPF अकाउंट में जमा राशि का निर्धारण

परिवारजनों को सबसे पहले PPF खाते में जमा कुल राशि का पता लगाना चाहिए। बैंक या पोस्ट ऑफिस से संपर्क कर यह जानकारी ली जा सकती है। राशि के हिसाब से ही आगे का कानूनी प्रोसेस निर्धारित होता है।

मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता

डेथ क्लेम प्रोसेस के तहत सबसे जरूरी दस्तावेज मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) होता है। यह सर्टिफिकेट स्थानीय नगर निगम, नगरपालिका या पंचायत कार्यालय से लिया जा सकता है। इस प्रमाण पत्र को संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना अनिवार्य है।

फॉर्म G भरकर क्लेम सबमिट करना

Form G वह दस्तावेज है जो बिना नॉमिनी वाले PPF अकाउंट से राशि क्लेम करने के लिए भरा जाता है। इस फॉर्म में मृतक अकाउंट होल्डर की जानकारी, दावेदार का विवरण, दोनों के बीच का रिश्ता और पहचान संबंधित दस्तावेज (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ) संलग्न करने होते हैं। फॉर्म G को भरने के बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना होता है।

डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन और क्लेम सेटलमेंट

डॉक्युमेंट्स जमा करने के बाद संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस उनकी जांच करता है। वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने और दस्तावेज सही पाए जाने के बाद, जमा राशि को दावेदार के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

जब क्लेम अमाउंट 1 लाख रुपये से ज्यादा हो

अगर PPF अकाउंट में जमा राशि 1 लाख रुपये से अधिक है, तो कानूनी वारिसों को Succession Certificate यानी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होता है। यह प्रमाणपत्र प्रमाणित करता है कि क्लेम करने वाला व्यक्ति वास्तविक कानूनी वारिस है। अगर मृतक ने वसीयत छोड़ी है, तो Letter of Administration प्राप्त करना होता है, जो संपत्ति के प्रबंधन और वितरण का अधिकार देता है।

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