
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana-PMGAY) के तहत देशभर में लाभुकों के चयन और सत्यापन के लिए चल रहे सर्वे की समय सीमा अब बढ़ा दी गई है। पहले यह सर्वे 30 अप्रैल तक प्रस्तावित था, लेकिन ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) ने इसे बढ़ाकर अब 15 मई 2025 तक कर दिया है। मंत्रालय ने इस बाबत सभी राज्यों को सूचित कर दिया है और सर्वे का कार्य नियमित रूप से जारी रखने का निर्देश दिया है।
जिले में 3.66 लाख से अधिक लाभुकों का नाम सूची में शामिल
सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड सहित अन्य क्षेत्रों में इस योजना के तहत लाभुकों का डाटा संकलन किया जा रहा है। अब तक जिले में 3 लाख 66 हजार से अधिक पात्र लाभुकों के नाम को सूची में शामिल किया जा चुका है। प्रखंड स्तर पर सर्वेक्षण की रिपोर्ट संकलित कर जिला मुख्यालय को भेजी जा रही है।
दो स्तरों पर होगा लाभुकों का सत्यापन
सूची तैयार करने से पहले लाभुकों का सत्यापन दो स्तरों पर किया जाएगा। इसमें 10 प्रतिशत सत्यापन प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) द्वारा किया जाएगा, जबकि 2 प्रतिशत सत्यापन जिला स्तर पर होगा। नवहट्टा के बीडीओ संतोष कुमार ने बताया कि सत्यापन के बाद अंतिम सूची तैयार कर उसे मुख्यालय को प्रेषित किया जाएगा, जिसके आधार पर सभी जिलों को लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।
जीविका से जुड़े परिवार भी होंगे शामिल
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) के अनुरोध पर अब जीविका (Jeevika) से जुड़े परिवारों को भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सर्वे में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने सभी उप विकास आयुक्तों (DDC) को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़े परिवारों का भी सर्वे किया जाए।
अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य योग्य परिवारों को मिलेगा लाभ
निर्देश में कहा गया है कि सतत जीविकोपार्जन योजना (Sustainable Livelihood Scheme) से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े ऐसे सभी परिवार जो अनुसूचित जाति (Scheduled Caste), अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) या अन्य अत्यंत पिछड़े एवं योग्य वर्गों में आते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इन सभी परिवारों का नाम लाभुक सूची में सम्मिलित करने का आदेश दिया गया है।
योजना के विस्तार से जुड़े नए निर्देश
ग्रामीण विकास मंत्रालय का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र परिवार इस योजना से वंचित न रहे। इसके तहत नए निर्देशों में पारदर्शिता और समावेशिता पर विशेष जोर दिया गया है। सत्यापन की प्रक्रिया में डिजिटल रिकॉर्डिंग, मोबाइल ऐप्स के माध्यम से जियो-टैगिंग तथा आधार-आधारित पहचान का उपयोग किया जा रहा है ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
लाभुकों की पहचान में तकनीक की भूमिका
सर्वेक्षण में आईटी टूल्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग किया जा रहा है ताकि योग्य लाभुकों की पहचान त्वरित और सटीक तरीके से की जा सके। इससे न केवल प्रशासन की दक्षता बढ़ेगी बल्कि योजना के तहत बनने वाले किफायती और टिकाऊ आवास (Affordable and Sustainable Housing) का निर्माण भी समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का उद्देश्य केवल घर बनवाना नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। यह योजना रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) आधारित सुविधाओं को भी बढ़ावा देती है जैसे सोलर पैनल, एलईडी बल्ब आदि। इस प्रकार यह योजना ग्रामीण भारत में समावेशी विकास (Inclusive Development) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।