
National Herald Case में कांग्रेस की शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की कानूनी परेशानियां एक बार फिर से बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में इस चर्चित मामले में चार्जशीट दाखिल की है। अब दिल्ली की एक अदालत ने इस चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख तय की है।
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मामला कैसे शुरू हुआ? जानिए पूरी पृष्ठभूमि
National Herald Case की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मिलकर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young Indian Pvt. Ltd.) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्ति पर अनुचित तरीके से नियंत्रण प्राप्त किया।
इस शिकायत के आधार पर 26 जून 2014 को कोर्ट ने संज्ञान लिया और जांच शुरू हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने इस दिशा में 2021 में अपनी जांच शुरू की थी, जिसके परिणामस्वरूप अब जाकर चार्जशीट दाखिल की गई है।
क्या हैं ED के आरोप?
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक सोची-समझी साजिश के तहत यंग इंडियन नाम की कंपनी के जरिए AJL की ₹90 करोड़ से अधिक की संपत्ति को अधिग्रहित किया। ED के अनुसार, यह अधिग्रहण बेहद कम कीमत पर किया गया और इसमें कई मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एंगल सामने आए हैं।
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चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि यंग इंडियन में सोनिया और राहुल की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे यह पूरा लेनदेन हितों के टकराव और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।
कोर्ट की अगली कार्यवाही और सुनवाई की तारीख
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर दिया है। कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य संबंधित पक्षों को 8 मई 2025 को पेश होने के लिए कहा है। इस दिन इस मामले में सुनवाई की जाएगी और तय किया जाएगा कि आरोप तय किए जाएंगे या नहीं।
कांग्रेस का पलटवार
National Herald Case को लेकर कांग्रेस पार्टी ने हमेशा इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह मामला भारतीय जनता पार्टी की ओर से बदले की भावना से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करना है।
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने यह भी कहा है कि यंग इंडियन और AJL के बीच हुआ लेनदेन पूरी तरह वैधानिक और पारदर्शी था, जिसे कानून के दायरे में रहकर संपन्न किया गया।
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यंग इंडियन और AJL का संबंध क्या है?
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) मूलतः एक मीडिया कंपनी थी, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘National Herald’ नामक अखबार प्रकाशित किया। यह कंपनी वर्षों से निष्क्रिय पड़ी थी, जिसके पास आज भी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जैसे शहरों में करोड़ों रुपये की संपत्ति है। यंग इंडियन ने इसी AJL के कर्ज को खत्म करने और उसे पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इसे टेकओवर किया था।
हालांकि, ED का मानना है कि यह टेकओवर महज एक मुखौटा था, जिसके पीछे मकसद AJL की अचल संपत्ति पर कब्जा करना था।
अब आगे क्या होगा?
मामला अब कोर्ट के समक्ष है और 8 मई को अगली सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि कोर्ट आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करता है या नहीं। अगर आरोप तय होते हैं, तो यह मामला लंबी कानूनी प्रक्रिया में प्रवेश करेगा, जिसमें साक्ष्य, गवाह और बहस का सिलसिला चलेगा।
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राजनीतिक और कानूनी असर
National Herald Case सिर्फ कानूनी मोर्चे तक सीमित नहीं है, इसका गहरा राजनीतिक प्रभाव भी है। कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक गंभीर चुनौती है, खासकर तब जब पार्टी आगामी चुनावों की तैयारी में जुटी हुई है। वहीं BJP इस मामले को कांग्रेस की कथित भ्रष्ट नीतियों की मिसाल के तौर पर पेश कर रही है।