
Muslim Population को लेकर प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि इस्लाम दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धर्म है। साल 2060 तक वैश्विक मुस्लिम जनसंख्या (Global Muslim Population) में 70 प्रतिशत तक की भारी वृद्धि होने का अनुमान है, जिससे यह संख्या 3 बिलियन का आंकड़ा पार कर सकती है। हालांकि, यह पूरी तस्वीर नहीं है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय गिरावट आने की संभावना भी जताई गई है।
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प्यू रिसर्च सेंटर की यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि धार्मिक जनसंख्या में वैश्विक स्तर पर बड़े बदलाव आने वाले हैं। जहां एक ओर Muslim Population में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाएगी, वहीं कुछ क्षेत्रों में गिरावट भी देखने को मिलेगी। हिंदू धर्म की वैश्विक स्थिति में सुधार होगा, लेकिन मुस्लिम बहुल देशों में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति चिंता का विषय बनी रहेगी। ये प्रवृत्तियाँ आने वाले दशकों में धार्मिक संतुलन, सामाजिक नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गिरावट की आशंका
रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific Region), जो पारंपरिक रूप से मुस्लिम जनसंख्या का बड़ा हिस्सा रखता है, वहां 2050 तक इस्लाम धर्म के अनुयायियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाएगी। जहां 2010 में इस क्षेत्र की मुस्लिम आबादी 61.7% थी, वहीं यह 2050 तक घटकर केवल 52.8% रहने की संभावना है। यह गिरावट एक बड़े जनसांख्यिकीय परिवर्तन का संकेत देती है।
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गिरावट के पीछे सामाजिक-आर्थिक कारण
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम जनसंख्या में इस संभावित गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। इनमें मुख्य रूप से प्रजनन दर में गिरावट (Declining Fertility Rate), तीव्र शहरीकरण (Urbanization), और धर्मांतरण (Religious Conversion) जैसे सामाजिक-आर्थिक कारक शामिल हैं। जैसे-जैसे समाज अधिक आधुनिकता और शिक्षा की ओर अग्रसर होता है, परिवार छोटे होते जा रहे हैं और धार्मिक मान्यताओं में भी परिवर्तन देखा जा रहा है।
यूरोप में मुस्लिम आबादी स्थिर रहने की संभावना
यूरोप (Europe) में मुस्लिम जनसंख्या की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि 2010 में यूरोप में मुस्लिम आबादी 2.7% थी और 2050 तक भी यह लगभग इतनी ही बनी रहेगी। इसका अर्थ यह है कि यूरोप में इस्लाम की स्वीकार्यता या जनसंख्या वृद्धि की दर में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिलेगा।
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भारत में मुस्लिम जनसंख्या में धीमी वृद्धि
भारत (India) में मुस्लिम जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन यह वृद्धि स्थिर गति से हो रही है। भारत में धार्मिक संतुलन अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है। जबकि दूसरी ओर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल देशों में हिंदू आबादी में तेजी से गिरावट आ रही है।
मुस्लिम बहुल देशों में हिंदू आबादी पर असर
प्यू की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में हिंदू समुदाय (Hindu Population) की स्थिति कमजोर होती जा रही है। इन देशों में धार्मिक असहिष्णुता (Religious Intolerance), सामाजिक उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण और सांप्रदायिक हिंसा जैसे कारणों की वजह से हिंदू जनसंख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है।
2050 तक हिंदू धर्म होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म
हिंदू धर्म (Hinduism) को लेकर भी प्यू रिसर्च सेंटर ने अहम भविष्यवाणी की है। रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा। हिंदू अनुयायियों की संख्या वैश्विक स्तर पर 1.4 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो वर्तमान जनसंख्या से लगभग 34% अधिक होगी। यह वृद्धि मुख्यतः भारत और नेपाल जैसे देशों में हिंदू समुदाय की स्थिरता और जनसंख्या वृद्धि के कारण होगी।