जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का बड़ा कदम! किसानों के लिए भी आया बड़ा ऐलान

30 अप्रैल 2025 को हुई कैबिनेट मीटिंग में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसले लिए—अब हर नागरिक की जाति होगी रिकॉर्ड में शामिल! साथ ही गन्ना किसानों के लिए बढ़ाया गया FRP और पूर्वोत्तर में ₹22,864 करोड़ की हाईवे परियोजना को भी मिली मंजूरी। जानिए इन बड़े फैसलों का देश पर क्या होगा असर

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जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का बड़ा कदम! किसानों के लिए भी आया बड़ा ऐलान
जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का बड़ा कदम! किसानों के लिए भी आया बड़ा ऐलान

दिल्ली में 30 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में कई बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इस मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि सरकार ने देश में जाति जनगणना (Caste Census) कराने का फैसला लिया है। इसके अलावा किसानों को राहत देने के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price-FRP) बढ़ाया गया है और पूर्वोत्तर भारत में एक नई हाईवे परियोजना को भी मंजूरी दी गई है।

मोदी सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले ना केवल सामाजिक संरचना को लेकर एक नए युग की शुरुआत करते हैं बल्कि किसानों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के लिए भी ठोस राहत और विकास की राह खोलते हैं। जाति जनगणना (Caste Census) जैसे फैसले से सामाजिक नीतियों के निर्माण में पारदर्शिता और सटीकता आएगी, वहीं गन्ना किसानों के लिए FRP बढ़ाना सीधे तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा। शिलॉन्ग-सिलचर हाईवे प्रोजेक्ट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का रुख

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 1947 के बाद से आज तक कोई भी जाति जनगणना (Caste Census) नहीं हुई है। अब मोदी सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है कि आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह जनगणना मूल जनगणना (Main Census) का हिस्सा होगी न कि कोई अलग सर्वे।

अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना से दूरी बनाए रखी और इसके स्थान पर केवल जाति सर्वे (Caste Survey) ही करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए-UPA सरकार और इंडिया गठबंधन ने जाति आधारित जनगणना को केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए सीमित रखा।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति की जनगणना को मुख्य जनगणना प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा। यह कदम सामाजिक न्याय और विकास के नए रास्ते खोलेगा।”

किसानों के लिए राहत: गन्ने का FRP बढ़ाया गया

मोदी सरकार ने गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के लिए एक बड़ी घोषणा की है। कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price-FRP) बढ़ाकर ₹355 प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह FRP एक बेंचमार्क मूल्य (Benchmark Price) है और इससे नीचे किसी भी कीमत पर गन्ना नहीं खरीदा जा सकता। सरकार का यह फैसला सीधे तौर पर देश के करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को आर्थिक संबल देगा।

पूर्वोत्तर भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट: शिलॉन्ग-सिलचर कॉरिडोर को मंजूरी

कैबिनेट मीटिंग में पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शिलॉन्ग से सिलचर (Shillong to Silchar) तक 166.8 किलोमीटर लंबा एक 4-लेन हाईवे कॉरिडोर (4-Lane Highway Corridor) बनाया जाएगा।

यह प्रोजेक्ट मेघालय और असम को जोड़ने वाली एक तेज़ गति और उच्च गुणवत्ता की सड़क होगी, जिसकी अनुमानित लागत ₹22,864 करोड़ बताई गई है। उन्होंने कहा, “यह हाई स्पीड कॉरिडोर केवल एक सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास का आधार बनेगा।”

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में पूर्वोत्तर भारत को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही हैं, और यह परियोजना उसी का एक मजबूत उदाहरण है।

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