
इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए सरकार ने पहले FAME योजना और फिर FAME-II योजना की शुरुआत की थी। अब इन पहलों के बाद पीएम ई-ड्राइव स्कीम (PM E-Drive Scheme) को लॉन्च किया गया, ताकि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की खरीद को और तेज़ी से बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना रहा है।
समय से पहले बंद हो सकती है पीएम ई-ड्राइव योजना
भले ही पीएम ई-ड्राइव स्कीम को 31 मार्च 2026 तक चलाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब इस योजना के समय से पहले खत्म होने की संभावना बन गई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, यह एक लिमिटेड फंड स्कीम है और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तेजी से बढ़ती बिक्री के चलते इसका फंड बहुत जल्दी समाप्त हो रहा है। अगर फंड इसी गति से खर्च होता रहा, तो यह स्कीम जुलाई-अगस्त 2025 तक तिपहिया वाहनों के लिए और जनवरी 2026 तक दोपहिया वाहनों के लिए बंद हो सकती है।
स्कीम के तहत कितनी सब्सिडी मिल रही है
पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस बजट के अंतर्गत 2-व्हीलर और 3-व्हीलर इलेक्ट्रिक गाड़ियों (जैसे ई-रिक्शा और ई-कार्ट) पर सब्सिडी दी जा रही है। सब्सिडी की गणना बैटरी क्षमता के आधार पर की जाती है। पहले वर्ष में 5,000 रुपये प्रति kWh की दर से सब्सिडी मिलती थी, जिसकी अधिकतम सीमा 10,000 रुपये प्रति वाहन थी।
लेकिन इस साल से सब्सिडी की राशि घटा दी गई है। अब यह 2,500 रुपये प्रति kWh के हिसाब से दी जा रही है और अधिकतम 5,000 रुपये तक सीमित कर दी गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार स्कीम के फंड को थोड़ा और खींचने की कोशिश कर रही है।
योजना की आगे की स्थिति
सरकार की योजना थी कि 1 अप्रैल 2025 के बाद रजिस्टर होने वाले वाहनों को भी 31 मार्च 2026 तक सब्सिडी का लाभ मिले। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए अब यह मुमकिन नहीं लग रहा है। तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए यह सुविधा जुलाई-अगस्त 2025 तक ही जारी रह सकती है, जबकि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जनवरी 2026 अंतिम समयसीमा हो सकती है।
इसलिए अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने का मन बना रहे हैं, तो इस मौके का जल्दी फायदा उठाना समझदारी होगी।