
MP Employees DA Hike को लेकर मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अक्षय तृतीया से ठीक पहले 7.30 लाख शासकीय कर्मचारियों को 5% महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का डीए-DA 50% से बढ़कर 55% हो गया है। हालाँकि, इस निर्णय पर अंतिम आदेश वित्त विभाग द्वारा जल्द ही जारी किया जाएगा, जिससे हजारों परिवारों में एक नई उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से 3% और फिर 1 जनवरी 2025 से 2% अतिरिक्त महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। इस कदम से कर्मचारियों का डीए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समान स्तर पर पहुँच जाएगा। डॉ. यादव ने यह भी भरोसा दिलाया कि कर्मचारियों की अन्य मांगों और समस्याओं को भी शीघ्रता से हल किया जाएगा और सभी विभागों में रिक्त पदों पर त्वरित नियुक्ति की व्यवस्था की जा रही है।
DA Hike 2025: जुलाई से मार्च तक एरियर मिलेगा, पांच किस्तों में होगा भुगतान
इस 5% महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी की नई दरें 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होंगी। इसका मतलब यह है कि जुलाई 2024 से मार्च 2025 तक के एरियर का भी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि इस 9 महीनों के एरियर का भुगतान जून 2025 से अक्टूबर 2025 के बीच पाँच समान किस्तों में किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को एक बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी, जो उनकी मासिक बजट योजनाओं को बेहतर बनाएगी।
डीए बढ़ने से कर्मचारियों की मासिक आय में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। अनुमानित तौर पर, इस वृद्धि से कर्मचारियों को 775 रुपये से लेकर 7500 रुपये तक का प्रत्यक्ष लाभ होगा, जो उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा और उत्साह भी बढ़ाएगा।
महंगाई भत्ता वृद्धि से सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
महंगाई भत्ते में वृद्धि के बाद विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को निम्नानुसार लाभ मिलेगा:
प्रथम श्रेणी के कर्मचारियों को 5200 रुपये से 6300 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 2300 रुपये से 3350 रुपये तक का इजाफा होगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को 850 रुपये से 1550 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। वहीं, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 700 रुपये से 850 रुपये तक की बढ़ोतरी का फायदा होगा। इस निर्णय से हर श्रेणी के कर्मचारी की आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा और वे अपने भविष्य को लेकर अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।