500 का नोट है असली या नकली? अब बस मोबाइल से लगाएं पता, तुरंत मिलेगा जवाब!

बाजार में तेजी से फैल रहे हैं ऐसे नकली ₹500 के नोट जिन्हें पहचानना आम आदमी के लिए मुश्किल है। लेकिन अब चिंता छोड़िए! सिर्फ अपने स्मार्टफोन की मदद से आप कुछ आसान तरीकों से असली-नकली का फर्क कर सकते हैं। जानिए RBI के खास ऐप और कुछ स्मार्ट ट्रिक्स जो आपकी मेहनत की कमाई को बचा सकती हैं

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500 का नोट है असली या नकली? अब बस मोबाइल से लगाएं पता, तुरंत मिलेगा जवाब!
500 का नोट है असली या नकली? अब बस मोबाइल से लगाएं पता, तुरंत मिलेगा जवाब!

हाल ही में गृह मंत्रालय ने CBI, SEBI और NIA जैसी प्रमुख एजेंसियों को चेतावनी जारी की है कि बाजार में ₹500 के ऐसे नकली नोट घूम रहे हैं जिन्हें सामान्य आंख से पकड़ पाना बेहद मुश्किल है। नकली करेंसी की यह चुनौती देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। इस चेतावनी के बाद अब आम लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है और उसकी मदद से आप खुद भी असली और नकली नोट की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए बस कुछ आसान तकनीकों का पालन करना होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे आप अपने स्मार्टफोन की मदद से नकली नोटों की पहचान कर सकते हैं।

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RBI का MANI ऐप करें इस्तेमाल

भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटों की पहचान आसान बनाने के लिए ‘Mobile Aided Note Identifier’ यानी MANI ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर मुफ्त में उपलब्ध है। इस ऐप की खास बात यह है कि यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करता है।

आपको बस इस ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल करना है और फिर कैमरे को नोट के सामने लाकर स्कैन करना है। ऐप अपने आप यह बता देगा कि नोट असली है या नकली। इस ऐप की एक और खासियत यह है कि यह फटे या गंदे नोटों की भी सही पहचान कर सकता है। यह ऐप खासतौर पर दृष्टिहीन या दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए भी सहायक है।

स्मार्टफोन कैमरे से सिक्योरिटी फीचर्स चेक करें

500 रुपये के नोट में कई सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं जिन्हें आप अपने स्मार्टफोन के कैमरे की मदद से देख सकते हैं। अच्छी रौशनी में जब आप नोट को घुमाते हैं तो ‘500’ का सिक्योरिटी थ्रेड रंग बदलता है। साथ ही, वाटरमार्क और महात्मा गांधी की तस्वीर भी कैमरे से साफ दिखती है। अगर ये फीचर्स स्पष्ट नजर आ रहे हैं, तो समझिए कि नोट असली है। अगर ये नहीं दिखते तो सतर्क हो जाएं।

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फोन की फ्लैश से करें UV टेस्ट

कुछ स्मार्टफोन्स की फ्लैश लाइट का इस्तेमाल अल्ट्रा वायलेट टेस्ट के रूप में भी किया जा सकता है। असली नोटों पर विशेष इंक का उपयोग किया जाता है जो UV लाइट में ही नजर आती है। जैसे ही आप नोट पर UV लाइट डालते हैं, तो उसमें कुछ हिस्से जैसे नंबर, सिक्योरिटी थ्रेड या अन्य चिन्ह नीले या हरे रंग में चमकने लगते हैं।

अगर आपके फोन में UV लाइट की सुविधा नहीं है तो आप उसकी टॉर्च पर नीले या पर्पल रंग की पारदर्शी प्लास्टिक चिपका सकते हैं। यह पूर्ण UV लाइट का विकल्प नहीं है, लेकिन काम चलाऊ विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए आप बाजार से सस्ती UV लाइट भी खरीद सकते हैं।

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कैमरा जूम से माइक्रो-लेटरिंग देखें

भारतीय करेंसी नोटों पर माइक्रो-लेटरिंग यानी बहुत छोटे अक्षरों में कुछ शब्द छपे होते हैं। इन्हें सामान्य आंखों से देखना कठिन होता है, लेकिन फोन के कैमरे का जूम फीचर इसमें मददगार होता है। उदाहरण के लिए ₹500 के नोट में ‘भारत’, ‘RBI’, और ‘500’ जैसे शब्द बेहद छोटे आकार में छपे होते हैं। आप कैमरे को ज़ूम कर महात्मा गांधी के चश्मे के पास या नोट के किसी कोने में इन्हें ढूंढ सकते हैं। अगर ये शब्द स्पष्ट दिखाई देते हैं, तो यह असली नोट की पहचान है। नकली नोट में ये लेटरिंग या तो धुंधली होती है या फिर होती ही नहीं।

नकली नोट की समस्या और सरकार की सख्ती

सरकार नकली नोटों को लेकर लगातार सख्त कदम उठा रही है। गृह मंत्रालय की ओर से दी गई हालिया चेतावनी इस बात का संकेत है कि नकली करेंसी का नेटवर्क बहुत मजबूत हो चुका है और यह आसानी से बाजार में फैल सकता है। इसलिए अब आम लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे सतर्क रहें और ऐसे किसी भी संदिग्ध नोट की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें।

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