Matka Water Mystery: काला मटका या लाल मटका – गर्मी में किसका पानी रहता है ज्यादा ठंडा? एक्सपर्ट ने किया बड़ा खुलासा

40 डिग्री तापमान में देसी मटके फिर से लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं। बाजार में काले और लाल मटकों के बीच चुनाव कठिन हो सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो काला मटका अधिक ठंडक और स्वास्थ्य लाभ देता है। हाथ से बना, प्राकृतिक रूप से झरपा हुआ काला मटका न सिर्फ पानी को ठंडा रखता है, बल्कि शरीर के लिए भी अधिक लाभकारी होता है।

Published On:
Matka Water Mystery: काला मटका या लाल मटका – गर्मी में किसका पानी रहता है ज्यादा ठंडा? एक्सपर्ट ने किया बड़ा खुलासा
Matka Water Mystery

भीषण गर्मी-Summer के दिनों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार करने लगता है, तो शीतल जल की तलाश हर किसी को होती है। बाजार में इन दिनों देसी मटकों की मांग अचानक बढ़ गई है। खासतौर पर मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के शहरों में मिट्टी के बने मटके पारंपरिक तरीके से पानी को ठंडा रखने के लिए अब भी पहली पसंद बने हुए हैं। लेकिन अब ग्राहकों के सामने एक नई उलझन खड़ी हो गई है—लाल मटका खरीदें या काला मटका? एक्सपर्ट्स की राय और पारंपरिक कारीगरों के अनुभव से हम इस लेख में आपको बताएंगे कि कौन-सा मटका आपके लिए बेहतर रहेगा और क्यों।

काले मटके में पानी रहता है ज्यादा ठंडा और शुद्ध

खरगोन के प्रसिद्ध मटका कारीगर सीताराम प्रजापत, जो पिछले 60 वर्षों से यह काम कर रहे हैं, बताते हैं कि काले रंग के मटके हाथ से बनाए जाते हैं। इन मटकों को नर्मदा की शुद्ध और पीली मिट्टी से तैयार किया जाता है। चाक पर बनाए गए इन मटकों को लकड़ी की आग में तपाया जाता है जिससे इनकी सतह झरप जाती है। यही झरपना इन्हें विशेष बनाता है, क्योंकि यह प्रक्रिया पानी को ठंडा रखने की क्षमता को बढ़ा देती है।

इन मटकों की खासियत यह भी है कि इनमें भरे पानी की ठंडक बरकरार रहती है और यह लंबे समय तक ताजगी बनाए रखता है। साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होते हैं, क्योंकि इसमें किसी प्रकार के रसायन या कृत्रिम सामग्री का इस्तेमाल नहीं होता।

लाल मटका दिखने में सुंदर पर ठंडक में थोड़ा पीछे

दूसरी ओर, लाल रंग के मटके अधिकतर मशीनों से बनाए जाते हैं। इनकी बनावट आकर्षक होती है, डिजाइन मॉडर्न और वजन हल्का होता है, जिससे ये ग्राहकों को आकर्षित करते हैं। हालांकि, इनका जल ठंडा तो होता है लेकिन काले मटकों जितना नहीं। लाल मटकों में झरपने की प्रक्रिया कभी-कभी होती है, पर वह प्राकृतिक नहीं बल्कि कृत्रिम प्रयासों से होती है।

इसलिए बाजार में ये अधिक बिकते हैं पर जो ग्राहक गुणवत्ता और कार्यक्षमता को प्राथमिकता देते हैं, वह अब भी काले मटके को ही पसंद करते हैं।

मिट्टी के मटके के पानी के स्वास्थ्य लाभ

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य बताते हैं कि मटके का पानी सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। गर्मियों में इसका नियमित सेवन शरीर को ठंडा रखता है और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है। मटके में पानी रखने से उसका pH लेवल संतुलित रहता है, जो पाचन तंत्र को सुचारू करता है।

मिट्टी में मौजूद मिनरल्स जैसे मैग्नीशियम और कैल्शियम शरीर के लिए लाभदायक होते हैं और यह ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्किन प्रॉब्लम्स और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, इसका स्वाद भी सामान्य ठंडे पानी की तुलना में अधिक ताजगीभरा होता है।

Follow Us On

Leave a Comment