
आजकल प्राइवेट जॉब करने वाले ज्यादातर प्रोफेशनल्स करियर ग्रोथ के लिए समय-समय पर जॉब बदलते हैं। हर नई जॉब के साथ जब नई कंपनी नया सैलरी अकाउंट ओपन करवा देती है, तो धीरे-धीरे आपके पास कई बैंक अकाउंट्स जमा हो जाते हैं। इनमें से कुछ का उपयोग आप बंद कर देते हैं, जिससे वे निष्क्रिय यानी डॉर्मेंट अकाउंट-Dormant Account बन जाते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब आपका बैंक अकाउंट डॉर्मेंट हो जाता है, तो उसमें जमा आपकी रकम का क्या होता है?
डॉर्मेंट अकाउंट में जमा रकम का क्या होता है?
अगर आपके अकाउंट में कुछ पैसे जमा हैं और अकाउंट को डॉर्मेंट घोषित कर दिया गया है, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आपकी जमा पूंजी सुरक्षित रहती है। बैंक आपके पैसे को न तो जब्त करता है और न ही आपकी रकम डूबती है। डॉर्मेंट अकाउंट में जमा पैसे पर आपको सेविंग अकाउंट के अनुसार ब्याज भी मिलता रहता है। जब आप अकाउंट को दोबारा एक्टिव करवाते हैं, तब आप उस पैसे का इस्तेमाल फिर से कर सकते हैं।
कब बनता है कोई बैंक अकाउंट डॉर्मेंट?
जब किसी बैंक अकाउंट से लगातार 24 महीने तक कोई भी लेन-देन (Transaction) नहीं होता—चाहे वो पैसा निकालना हो, जमा करना हो या कोई अन्य ट्रांजैक्शन—तो बैंक उस अकाउंट को डॉर्मेंट अकाउंट-Dormant Account की श्रेणी में डाल देता है। इस स्थिति में आप उस खाते से न तो पैसे निकाल सकते हैं और न ही उसमें जमा कर सकते हैं। यह एक सुरक्षा उपाय है जिससे बैंक संभावित धोखाधड़ी से बच सके।
कैसे करें डॉर्मेंट अकाउंट को फिर से एक्टिवेट?
अगर आप चाहते हैं कि आपका डॉर्मेंट अकाउंट फिर से चालू हो जाए, तो आपको बैंक की ब्रांच में जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सबसे पहले आपको बैंक अधिकारी या मैनेजर से संपर्क करना होगा और एक एप्लिकेशन देना होगा जिसमें आप अपने अकाउंट को एक्टिव करने का अनुरोध करेंगे। इसके बाद बैंक आपसे फिर से KYC यानी Know Your Customer डॉक्यूमेंट्स मांगेगा।
आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी जमा करनी होती है, जिन पर आपके हस्ताक्षर होने चाहिए। KYC प्रक्रिया पूरी करने के एक-दो दिन के भीतर आपका अकाउंट फिर से चालू कर दिया जाता है। खास बात ये है कि इस प्रक्रिया के लिए बैंक आपसे कोई चार्ज नहीं वसूलता।