परमाणु बम की कीमत जान उड़ जाएंगे होश! कहां रखे जाते हैं और कौन देता है हमले का आदेश?

दुनिया हर सेकंड परमाणु हथियारों पर करीब ₹2.5 लाख खर्च कर रही है—इतना कि 100 देशों की GDP भी पीछे छूट जाए! पाकिस्तान से लेकर अमेरिका और भारत तक, कौन है सबसे खतरनाक? कहां छिपे हैं एटम बम, कितना आता है खर्च और क्या कोई देश सच में परमाणु जंग का बटन दबा सकता है? पढ़िए पूरी सच्चाई

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परमाणु बम की कीमत जान उड़ जाएंगे होश! कहां रखे जाते हैं और कौन देता है हमले का आदेश?
परमाणु बम की कीमत जान उड़ जाएंगे होश! कहां रखे जाते हैं और कौन देता है हमले का आदेश?

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों – हिरोशिमा और नागासाकी पर लिटिल बॉय और फैटमैन नाम के परमाणु बम गिराए गए थे। इन हमलों ने न केवल जापान में लाखों लोगों की जान ली, बल्कि भविष्य की सैन्य और सुरक्षा रणनीति की दिशा ही बदल दी। आज दुनिया ऐसे ही एटमी हथियारों के रखरखाव और आधुनिकीकरण पर हर सेकेंड में 2898 डॉलर यानी करीब ढाई लाख रुपये खर्च कर रही है। सालाना यह आंकड़ा 91.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो दुनिया के 100 से ज्यादा देशों की GDP से भी अधिक है।

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पाकिस्तान के पास कहां हैं परमाणु हथियार?

पाकिस्तान के एफ-16 जैसे फाइटर जेट सरगोधा (Mushaf) एयर बेस और शाहबाज एयर बेस पर तैनात हैं। ऐसा माना जाता है कि इन बेसों के पास स्थित Sargodha Weapons Storage Complex में उसके परमाणु हथियार रखे गए हैं। पाकिस्तान के पास अब्दाली, शाहीन, गौरी, हत्फ और बाबर जैसी मिसाइलें हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA), जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री करते हैं, परमाणु हमले के फैसले पर अंतिम मुहर लगाती है।

कैसे होता है परमाणु हमले का आदेश?

किसी भी देश में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री सीधे परमाणु हमला करने का आदेश नहीं देता। उनके पास एक स्मार्ट कोड होता है जिसके बिना परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं हो सकता। असली कमांड परमाणु कमान की अंतिम इकाई के पास होती है, जो मिसाइल लांच करती है। भारत में यह निर्णय सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सलाह पर प्रधानमंत्री द्वारा लिया जाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति के पास “न्यूक्लियर फुटबॉल” और रूस के राष्ट्रपति के पास एक विशेष ब्रीफकेस होता है जिसमें मिसाइल टारगेट और हमले की योजना होती है।

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भारत के पास कितनी ताकतवर मिसाइलें हैं?

भारत के पास अग्नि, शौर्य, प्रलय और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें हैं जो परमाणु हथियारों से लैस की जा सकती हैं। भारत एक न्यूक्लियर ट्रायड यानी थल, जल और नभ – तीनों माध्यमों से परमाणु हमला करने की क्षमता रखता है। भारत की स्पष्ट नीति है कि वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा (No First Use Policy), लेकिन यदि हमला होता है तो उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।

परमाणु दुर्घटनाएं भी बनीं चिंता का कारण

इतिहास में कई बार ऐसे हादसे हुए जब परमाणु हथियार दुर्घटनावश गिर गए। 1957 में न्यू मैक्सिको में एक परमाणु बम विमान से गिर गया लेकिन फटा नहीं। 1958 में बी-47 विमान से साउथ कैरोलिना में एटम बम गिरा और 1961 में बी-52 विमान दो परमाणु बम लेकर क्रैश हो गया। 1965 में अमेरिकी विमानवाहक पोत से एक बम समुद्र में गिरा जो आज तक नहीं मिला है।

किस देश ने अपने परमाणु हथियार नष्ट किए?

दुनिया में केवल दक्षिण अफ्रीका ऐसा देश है जिसने स्वेच्छा से अपने सभी परमाणु हथियार खत्म कर दिए हैं। शीत युद्ध के दौरान जब दुनिया में 60 हजार से ज्यादा एटम बम थे, तब परमाणु निशस्त्रीकरण की शुरुआत हुई थी।

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किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

2024 की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 9 देशों के पास कुल 12 हजार से ज्यादा एटमी हथियार हैं।

  • रूस: 2815
  • अमेरिका: 1928
  • चीन: 410
  • फ्रांस: 290
  • ब्रिटेन: 225
  • भारत: 172
  • पाकिस्तान: 170
  • इज़रायल: अनुमानित
  • उत्तर कोरिया: 30

परमाणु हथियारों की लागत कितनी है?

परमाणु बम बनाना और उसका रखरखाव बेहद महंगा है। एक बम की लागत लगभग 1.8 करोड़ डॉलर से लेकर 5.3 करोड़ डॉलर तक हो सकती है। इसका मतलब है कि एक एटमी हथियार पर कुल खर्च 4500 करोड़ रुपये तक हो सकता है। अमेरिका का B61-12s बम जिसकी वॉरहेड कीमत 2.8 करोड़ डॉलर थी, उसकी कुल लागत मिसाइल सिस्टम, लांचिंग प्लेटफॉर्म और रखरखाव मिलाकर 27 करोड़ डॉलर यानी करीब 2300 करोड़ रुपये बैठती है।

पाकिस्तान के एटमी बम और विदेशी कर्ज

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कुल अनुमानित कीमत 4455 करोड़ डॉलर है। आश्चर्य की बात यह है कि यदि पाकिस्तान अपने सारे एटमी हथियार बेच दे तो उसका 2740 करोड़ डॉलर का विदेशी कर्ज उतर सकता है। हालांकि, ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत पूरी तरह अवैध और असंभव है।

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