
प्रधानमंत्री आवास योजना-Gramin (PMAY-G) के अंतर्गत आवासहीन और ज़रूरतमंद परिवारों को सरकार द्वारा पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पात्रता शर्तों को और सरल बना दिया गया है। योजना की पहुंच को अधिक से अधिक लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने जहां एक ओर सर्वे की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 मई कर दिया है, वहीं दूसरी ओर पात्रता के मापदंडों में भी अहम बदलाव किए हैं। पहले जहां योजना के तहत आवेदन के लिए 13 सख्त शर्तों को पूरा करना जरूरी था, अब उनकी संख्या घटाकर 10 कर दी गई है।
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पहले थे 13 मापदंड, अब हुए 10, मासिक आय सीमा भी बढ़ी
प्रधानमंत्री आवास योजना-Gramin (PMAY-G) की पात्रता पहले सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 (SECC 2011) के 13 निर्धारित मापदंडों के आधार पर तय होती थी। इनमें परिवार की आय, शिक्षित सदस्य की उपस्थिति, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन आदि जैसे कई सामाजिक-आर्थिक मानक शामिल थे।
लेकिन अब इन मापदंडों को बदलकर तीन प्रमुख शर्तों को या तो पूरी तरह से हटा दिया गया है या उनमें ढील दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव मासिक आय सीमा में किया गया है। पहले 10,000 रुपये से अधिक कमाने वाले परिवार योजना के दायरे से बाहर हो जाते थे, अब यह सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही टू-व्हीलर या मछली पकड़ने की नाव रखने की शर्त भी अब आवेदन में बाधा नहीं बनेगी।
इस बदलाव के बाद अब ऐसे परिवार भी योजना के पात्र होंगे जिनके पास स्कूटर, बाइक या अन्य साधन हैं, लेकिन वे अन्य जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
अब तक क्यों रह जाते थे लोग योजना से वंचित?
पिछले वर्षों में देखा गया कि कई जरूरतमंद परिवार महज एक या दो मापदंड पूरे न कर पाने के कारण योजना से वंचित रह जाते थे। विशेष रूप से टू-व्हीलर, नाव या थोड़ा बहुत स्थायी रोजगार रखने वाले परिवार पात्रता से बाहर हो जाते थे, भले ही उनके पास रहने के लिए पक्का घर न हो। अब इन शर्तों में ढील देने से योजना का दायरा व्यापक हुआ है।
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कितनी राशि मिलती है इस योजना में?
प्रधानमंत्री आवास योजना-Gramin के तहत पात्र परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। मैदानी क्षेत्रों में यह राशि 1.20 लाख रुपये है, जबकि पहाड़ी और कठिन इलाकों के लिए यह सहायता 1.30 लाख रुपये तक जाती है। साथ ही लाभार्थियों को मनरेगा के तहत 90 से 95 दिनों का श्रम कार्य भी दिया जाता है, जिससे उन्हें आर्थिक सहयोग मिलता है।
बढ़ी सर्वे की समयसीमा: अब 15 मई तक करवा सकते हैं सर्वे
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र लोगों का सर्वे पहले 30 अप्रैल 2025 तक होना था, लेकिन सरकार ने इस तारीख को बढ़ाकर 15 मई कर दिया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि जो लोग अब तक किसी कारणवश छूट गए हैं, वे भी अपने घर के लिए आवेदन कर सकें।
सरकार की मंशा यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए। इसलिए जरूरी है कि सभी पंचायत स्तर पर अधिकारी समय रहते सर्वे कार्य को पूर्ण करें और लाभार्थियों की सूची को अंतिम रूप दें।
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कौन लोग अब भी पात्र नहीं हैं?
हालांकि पात्रता के कई मापदंडों में ढील दी गई है, लेकिन योजना का लाभ अभी भी उन्हीं लोगों को मिलेगा जो वास्तव में आवासहीन हैं या जिनके पास रहने के लिए केवल एक कमरा है। साथ ही वे परिवार जो पहले से किसी अन्य सरकारी आवास योजना का लाभ ले चुके हैं, उन्हें PMAY-G के तहत सहायता नहीं मिलेगी।