
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। इनकम टैक्स फाइलर्स (Income Tax Filers) के लिए यह बड़ी खबर है क्योंकि विभाग ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को जारी कर दिया है। ये फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए हैं जो सामान्य स्रोतों से आय अर्जित करते हैं, जैसे कि सैलरी, पेंशन, एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय या पेशे से होने वाली आय।
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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शुरू हो चुकी है लेकिन इस बार इनकम टैक्स विभाग ने समय से पहले फॉर्म जारी कर एक बड़ा कदम उठाया है। यह टैक्सपेयर्स को बेहतर प्लानिंग और सटीक रिटर्न फाइलिंग में सहायता करेगा। ITR-1 और ITR-4 के माध्यम से सामान्य आय वर्ग के व्यक्तियों और छोटे व्यवसायियों को विशेष सहूलियत मिलेगी। सरकार का उद्देश्य ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना और कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
1 अप्रैल 2025 से शुरू हुई फाइलिंग प्रक्रिया
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया 1 अप्रैल 2025 से ही चालू हो गई है। यह पहला मौका है जब इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष शुरू होते ही रिटर्न फॉर्म उपलब्ध करा दिए हैं। इससे टैक्सपेयर्स को अपनी तैयारी पहले से करने का मौका मिलेगा और आखिरी समय की परेशानियों से बचा जा सकेगा।
किसके लिए है ITR-1 फॉर्म?
ITR-1 फॉर्म, जिसे ‘सहज’ (SAHAJ) भी कहा जाता है, उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख या उससे कम है और जो निम्न स्रोतों से आय अर्जित करते हैं:
- सैलरी या पेंशन
- एक हाउस प्रॉपर्टी से आय
- अन्य स्रोत जैसे ब्याज (Interest Income) आदि
हालांकि, जिनके पास एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी है या पूंजीगत लाभ (Capital Gains) की आय है, वे ITR-1 के अंतर्गत नहीं आते।
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ITR-4 फॉर्म किसके लिए?
ITR-4 फॉर्म उन व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और फर्मों के लिए है जो प्रीसंप्टिव इनकम स्कीम (Presumptive Income Scheme) के तहत आते हैं। यानी, जो सेक्शन 44AD, 44ADA और 44AE के अंतर्गत अपनी आय घोषित करते हैं। यह फॉर्म ₹50 लाख तक की प्रोफेशनल इनकम और ₹2 करोड़ तक की बिजनेस इनकम वालों के लिए उपयुक्त है।
समय से फाइलिंग के फायदे
इनकम टैक्स रिटर्न समय से फाइल करने के कई फायदे हैं:
- टैक्स रिफंड (Tax Refund) जल्दी मिलता है
- भविष्य में लोन या वीजा आवेदन के लिए इनकम प्रूफ तैयार रहता है
- लेट फाइन और ब्याज से बचा जा सकता है
- टैक्स क्रेडिट और अन्य वित्तीय दस्तावेजों में पारदर्शिता बनी रहती है
नया पोर्टल और तकनीकी सहूलियतें
इनकम टैक्स विभाग का नया ई-फाइलिंग पोर्टल पहले की तुलना में अधिक सहज और तकनीकी रूप से उन्नत है। इस पोर्टल पर यूजर्स को प्री-फिल्ड फॉर्म्स, आसान वेरिफिकेशन प्रक्रिया और डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा मिलती है। इससे टैक्स भरना पहले की तुलना में काफी सरल हो गया है।
किन्हें फाइल करना अनिवार्य है?
सरकार के नियमों के अनुसार, वे सभी व्यक्ति जिनकी आय टैक्सेबल सीमा से अधिक है, उन्हें ITR फाइल करना अनिवार्य है। इसके अलावा जिनके पास:
- विदेश में संपत्ति है
- TDS कटौती हुई है
- 1 करोड़ या उससे अधिक बैंक ट्रांजैक्शन हुए हैं
- 2 लाख या उससे अधिक विदेश यात्रा खर्च हुआ है
- 10 लाख या उससे अधिक क्रेडिट कार्ड खर्च हुआ है
ऐसे व्यक्तियों को भी अनिवार्य रूप से ITR भरना होता है।
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कब तक भर सकते हैं ITR?
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। हालांकि जिनकी ऑडिट जरूरी है, उनके लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 हो सकती है। टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते अपनी आय और निवेश से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार रखें और समय से रिटर्न फाइल करें।
इस साल के लिए खास बातें
- ITR फॉर्म्स पहले से ही प्री-फिल्ड डाटा के साथ उपलब्ध होंगे
- डिजिटल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और सरल हुई है
- टैक्स पोर्टल पर हेल्पडेस्क और चैटबॉट जैसी सहूलियतें बढ़ाई गई हैं
- कई नए करदाता जो IPO या Mutual Fund जैसे निवेश से जुड़े हैं, उन्हें भी इस बार फाइलिंग में अधिक पारदर्शिता दिखानी होगी