घर के बाहर लगी तार में कितना होता है करंट? जानिए खुद को सुरक्षित रखने के तरीके

क्या आप जानते हैं कि आपके घर के बाहर दिखने वाले साधारण बिजली के तारों में इतना करंट होता है कि एक झटका आपकी जान ले सकता है? इस चौंकाने वाली जानकारी को जानिए और खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी सावधानियां अपनाइए। पूरी रिपोर्ट पढ़ें

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घर के बाहर लगी तार में कितना होता है करंट? जानिए खुद को सुरक्षित रखने के तरीके
घर के बाहर लगी तार में कितना होता है करंट? जानिए खुद को सुरक्षित रखने के तरीके

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बिजली एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। घर, ऑफिस और सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद तारों के माध्यम से हमें बिजली की आपूर्ति होती है। लेकिन यह जान लेना बेहद जरूरी है कि यही बिजली कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। अगर जरा सी भी लापरवाही हो जाए तो बिजली का झटका गंभीर चोट या मौत का कारण बन सकता है। ऐसे में यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर किसी बिजली के तार में करंट (Current) या वोल्टेज (Voltage) होता कितना है? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।

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बिजली हमारे जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ कई जोखिम भी लेकर आती है। इसलिए बिजली के तारों से जुड़े खतरों को समझना और आवश्यक सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। घर के बाहर लगे तारों में मौजूद करंट इतना अधिक होता है कि वह एक पल में जानलेवा साबित हो सकता है। इसीलिए, हमेशा सतर्क रहें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।

घर के बाहर लगे बिजली के तारों में कितना करंट होता है?

भारत में बिजली वितरण प्रणाली काफी सुव्यवस्थित है। सामान्यत: घरों में जो बिजली पहुंचती है वह 220 वोल्ट (Volt) एकल फेज (Single Phase) सप्लाई होती है। वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों और बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में तीन फेज (Three Phase) बिजली सप्लाई होती है, जहां वोल्टेज और करंट दोनों की मात्रा ज्यादा होती है।

घर के बाहर जो बिजली के तार नजर आते हैं, उनमें बहने वाला करंट कई कारकों पर निर्भर करता है। सबसे बड़ा कारक होता है कि उस तार पर कितना लोड है। अगर किसी तार से ज्यादा उपकरण जुड़े हैं, तो उसमें उतना ही ज्यादा करंट प्रवाहित होगा। इसके अलावा तार की मोटाई (Cable Thickness) भी उसकी धारा वहन करने की क्षमता (Current Carrying Capacity) को प्रभावित करती है।

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बिजली वितरण कंपनियां (Power Distribution Companies) या विद्युत विभाग (Electricity Department) घरों तक 220 से 250 वोल्ट की सप्लाई पहुंचाते हैं। इससे पहले, पावर ग्रिड (Power Grid) और सबस्टेशन (Substation) के माध्यम से 120 kV, 66 kV या 33 kV पर हाई वोल्टेज सप्लाई को ट्रांसमिट किया जाता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि इतने अधिक वोल्टेज वाली बिजली के संपर्क में आने से व्यक्ति को गंभीर चोट लग सकती है या उसकी जान भी जा सकती है।

बिजली का झटका लगने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जब कोई व्यक्ति गलती से बिजली के संपर्क में आता है, तो उसके शरीर से करंट बहने लगता है। यह करंट शरीर के विभिन्न अंगों को क्षति पहुंचा सकता है। यदि करंट का प्रभाव ज्यादा गंभीर हो, तो यह दिल की धड़कन को भी रोक सकता है, जिसे कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) कहा जाता है।

बिजली के झटके से होने वाली चोट या मौत कई बातों पर निर्भर करती है:

  • करंट कितनी देर तक शरीर से गुजरा है।
  • वोल्टेज कितना था।
  • करंट शरीर के किस हिस्से से होकर गुजरा।
  • व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और स्वास्थ्य कैसा है।

कम वोल्टेज वाली बिजली का संपर्क भी घातक साबित हो सकता है, खासकर अगर करंट का मार्ग दिल या दिमाग के नजदीक से गुजरता है।

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कितनी वोल्टेज पर खतरा बढ़ जाता है?

वैज्ञानिकों के अनुसार, 50 वोल्ट से ऊपर की एसी (AC) सप्लाई और 120 वोल्ट से ऊपर की डीसी (DC) सप्लाई मनुष्य के लिए खतरनाक मानी जाती है। इससे ऊतक (Tissue) क्षति हो सकती है, मांसपेशियों की ऐंठन हो सकती है और गंभीर मामलों में व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

उच्च वोल्टेज तारों से संपर्क करने पर त्वचा जल सकती है, स्नायु तंत्र प्रभावित हो सकता है और लंबी अवधि तक उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। यही कारण है कि सार्वजनिक स्थानों पर बिजली के खंभों और तारों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

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घरों और सार्वजनिक स्थानों पर बिजली से बचाव कैसे करें?

बिजली के खतरों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • घर में सभी वायरिंग की नियमित जांच कराएं।
  • खुले तारों या क्षतिग्रस्त उपकरणों को तुरंत बदलवाएं।
  • गीले हाथों से कभी भी बिजली के उपकरण न छुएं।
  • फ्यूज (Fuse) और सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker) का सही तरीके से प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर गिरे हुए तारों से दूर रहें और तुरंत विद्युत विभाग को सूचना दें।

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