
भारत में सड़क पर कार, बाइक या किसी भी प्रकार के व्हीकल चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (DL) होना अनिवार्य है। यह एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जो प्रमाणित करता है कि संबंधित व्यक्ति गाड़ी चलाने के योग्य है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए। इसके लिए रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) या रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) से संपर्क करना होता है। DL में धारक की फोटो, व्यक्तिगत जानकारी और एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN) अंकित होता है।
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए कब जरूरी होता है मेडिकल सर्टिफिकेट?
अगर कोई व्यक्ति 40 वर्ष की उम्र के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहता है, तो उसे अनिवार्य रूप से मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इसके बिना RTO एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर सकता है। साथ ही भारी वाहन (Heavy Vehicle) लाइसेंस, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लाइसेंस बनवाते समय भी मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लाइसेंस धारक शारीरिक रूप से वाहन चलाने के योग्य है।
डॉक्टर की आईडी से अपलोड होगा मेडिकल सर्टिफिकेट
पहले मेडिकल सर्टिफिकेट को बनवाकर एप्लिकेशन के साथ अटैच कर दिया जाता था, लेकिन कई बार अनफिट लोग फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए DL प्राप्त कर लेते थे। अब इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए नया सिस्टम लागू किया गया है। अब डॉक्टर अपनी रजिस्टर्ड आईडी से सीधे मेडिकल रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करेंगे। इससे फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे DL बनाने की संभावना खत्म हो जाएगी और दलालों के हस्तक्षेप को भी रोका जा सकेगा।
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के प्रकार
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। लर्निंग लाइसेंस एक अस्थायी परमिट होता है, जो वाहन चलाना सीखने के लिए दिया जाता है। परमानेंट लाइसेंस स्थायी होता है, जो आपको सड़क पर वाहन चलाने की अनुमति देता है। वहीं कमर्शियल लाइसेंस उन लोगों के लिए होता है जो व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वाहन चलाते हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए न्यूनतम आयु और विशेष प्रावधान
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय है। हालांकि, यदि कोई 16 वर्ष की उम्र पार कर चुका है और गियरलेस टू-व्हीलर चलाना चाहता है, तो उसे माता-पिता या अभिभावक की लिखित अनुमति के साथ आवेदन करना होता है। भारी व्यावसायिक वाहन (Heavy Commercial Vehicle) चलाने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कैसे बनवाएं लर्निंग लाइसेंस?
लर्निंग लाइसेंस के लिए आपको RTO जाकर आवेदन करना होता है। तय शुल्क भरने के बाद एक लिखित परीक्षा देनी होती है, जिसमें ट्रैफिक साइन, रोड सेफ्टी नियमों और ड्राइविंग संबंधित ज्ञान का परीक्षण किया जाता है। परीक्षा पास करने के बाद लर्निंग लाइसेंस जारी होता है। इसके बाद 6 महीने के भीतर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देना होता है, जिसमें ड्राइविंग कौशल का मूल्यांकन किया जाता है।
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) की वैधता और नवीनीकरण (Renewal)
ड्राइविंग लाइसेंस उसकी जारी तिथि से 20 वर्ष या लाइसेंस धारक के 40 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, वैध रहता है। 40 वर्ष के बाद नया लाइसेंस 10 वर्षों के लिए जारी होता है और फिर हर 5 वर्ष में इसे रिन्यू कराना होता है। यदि ड्राइविंग लाइसेंस समाप्ति के एक वर्ष के भीतर रिन्यू नहीं कराया गया, तो इसे निरस्त कर दिया जाता है और नया लाइसेंस बनवाना पड़ता है।
ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद कितने दिन तक वैध रहता है?
अगर आपका ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर हो गया है, तो भी वह 30 दिनों तक वैध माना जाता है। इस अवधि में बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के लाइसेंस का नवीनीकरण कराया जा सकता है। एक महीने के बाद रिन्यू कराते समय जुर्माना देना पड़ता है। अलग-अलग राज्यों में रिन्यूअल शुल्क अलग-अलग हो सकता है, जो कि 200 से 500 रुपये तक होता है।
ऑनलाइन कैसे करें ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए आवेदन?
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले https://sarathi.parivahan.gov.in/sarathiservice/stateSelection.do वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अपने राज्य का चयन करने के बाद लर्नर लाइसेंस के विकल्प पर क्लिक करना होगा। आधार डिटेल्स और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। सभी जानकारी भरने और फीस भुगतान करने के बाद 7 दिनों के भीतर आपका लर्निंग लाइसेंस आपके पते पर पहुंच जाएगा। परमानेंट लाइसेंस के लिए आपको RTO जाकर टेस्ट देना अनिवार्य होता है।